चीन और नेपाल से तनातनी के बीच तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन आज एयरफोर्स में होगी शामिल, जानिए इसकी खासियत | Tejas's second squadron will join the Airforce today

चीन और नेपाल से तनातनी के बीच तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन आज एयरफोर्स में होगी शामिल, जानिए इसकी खासियत

चीन और नेपाल से तनातनी के बीच तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन आज एयरफोर्स में होगी शामिल, जानिए इसकी खासियत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : May 27, 2020/5:19 am IST

नई दिल्ली। स्वदेश निर्मित विमान तेजस की दूसरी स्क्वाड्रन फ्लाइंग बुलेट्स आज वायुसेना में शामिल हो जाएगी। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल RKS भदौरिया इसकी शुरुआत करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर किया जाएगा। यह स्क्वाड्रन LCA तेजस विमान से लैस होगी। तेजस को उड़ाने वाली वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन होगी।

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यह स्क्वाड्रन पहले 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग 27 विमान उड़ा रही थी। स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था।अगर लड़ाकू विमान तेजस की बात करें तो ये एक चौथी पीढ़ी का हल्का विमान है। इसकी तुलना अपने जेनरेशन के सभी फाइटर जेट्स में सबसे हल्के विमान के तौर पर होती है।

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तेजस की नई स्क्वाड्रन की एंट्री तब हो रही है, भारत की चीन और नेपाल के साथ तनातनी जारी है। बीते दिनों लद्दाख में चीन और भारत के सैनिक आमने-सामने आ गए, जिसके बाद से ही बॉर्डर पर जवानों की संख्या बढ़ाई गई है।

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तेजस की खासियत

तेजस हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है। इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं.तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम एलॉय और टाइटेनियम से बनाया गया है। तेजस सिंगल सीटर पायलट वाला विमान है, लेकिन इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है। तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। LCA तेजस को विकसित करने की कुल लागत 7 हजार करोड़ रुपए रही है।

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गौरतलब है कि स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही वायुसेना को इसी साल 36 रफाल लड़ाकू विमानों की पहली खेप फ्रांस से मिलने जा रही है। इस बीच तेजस की एक नई स्क्वाड्रन का शामिल होना राहत भरी खबर है।

 

 

 
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