सिद्ध ईश्वरा महादेव मंदिर में आज भी अदृश्य शक्ति करती है पूजा, विभीषण ने की थी शिवलिंग की स्थापना, यहां पहुंच गए तो हर मनोकामना हो जाती है पूरी ! | The invisible power still worships in Ishwara Mahadev temple Vibhishan had founded the Shivling Once you reach here, every wish is fulfilled!

सिद्ध ईश्वरा महादेव मंदिर में आज भी अदृश्य शक्ति करती है पूजा, विभीषण ने की थी शिवलिंग की स्थापना, यहां पहुंच गए तो हर मनोकामना हो जाती है पूरी !

सिद्ध ईश्वरा महादेव मंदिर में आज भी अदृश्य शक्ति करती है पूजा, विभीषण ने की थी शिवलिंग की स्थापना, यहां पहुंच गए तो हर मनोकामना हो जाती है पूरी !

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : July 27, 2020/2:39 am IST

मुरैना। जिले में 70 किमी दूर पहाड़गढ इलाके में ईश्वरा महादेव मंदिर स्थित है। इस मंदिर की मान्यता है कि यहां पर पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान शिवलिंग की पूजा-अर्चना की थी। लोगों की माने तो इस शिवलिंग की स्थापना विभीषण ने की थी।

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ईश्वरा महादेव मंदिर अपने चमत्कार के लिए पूरे देश में प्रसिद्व है। ऐसा कहा जाता है कि यहां हर रोज सुबह 4 बजे कोई अदृष्य शक्ति आकर शिवलिंग की पूजा अर्चना करती है। यहां पर 3 से लेकर 5,7,11,21 मुखी बेलपत्र भी मिलते हैं। सावन महीने में हजारों की संख्या में भक्त ईश्वरा महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना करते है।

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मध्य प्रदेश राज्य के मुरैना जिले में जिला मुख्यालय मुरैना से करीब 60 किमी.दूरी पर पहाड़गढ़ में आश्चर्यचित कर देने वाला यह शिव मंदिर स्थित है। यहां अदृश्य शिव भक्त ब्रह्म मुहूर्त में शिव की आराधना करती है, ये पूजा एक दिन नहीं साल के पूरे 365 दिन होती है।

घने जंगलों में ईसुरा पहाड़ की गुफा में बने इस शिवमंदिर में पट खुलते ही पुजारी को शिवलिंग का 21 मुखी, 11 मुखी 7 मुखी बेलपत्रों और चावल, फूलों से अभिषेक प्रतिदिन मिलता है। प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच बसे ईश्वरा महादेव का रहस्य वर्षों बाद भी नहीं सुलझ सका है। ऐसा बताया जा रहा है कि ईश्वरा महादेव मंदिर पर सुबह चार बजे कोई अदृश्य शक्ति पूजा करती है। इसे जानने के लिए कई प्रयास किए गए लेकिन बार-बार रहस्य जानने की ये कोशिश विफल होती जा रही है।

यहां गुफा नुमा पहाड़ के नीचे शिवलिंग पर प्राकृतिक झरने से शिवलिंग के शीर्ष पर जलाभिषेक हो रहा है और ब्रह्म मुहूर्त में कोई सिद्ध शक्ति उपासना करती है। पहाड़गढ़ के जंगलों में ईश्वरा महादेव का ये सिद्ध मंदिर तो शिव भक्तों के लिए आस्था का केंद्र तो बना ही हुआ है। इसके अलावा भी इस जगह कुछ ऐसा है जो लोगों को यहां आने के लिए प्रेरित करता है। बारिश के मौसम में यहां प्राकृतिक छटा देखने लायक होती है, इसलिए यह धार्मिक स्थल के साथ अच्छा पिकनिक स्पॉट भी माना जाता है।

पुरातत्व अधिकारियों के अनुसार शिवलिंग के आसपास महाभारत काल के अवशेष मिले हैं । सावन के दिनों में ईश्वरा महादेव मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते है। शहर से दूर प्राचीन मंदिर तक पहुंचने का मार्ग बहुत कठिन है । हालांकि कठिनाइयों को पार करते हुए श्रद्धालु यहां पहुंच ही जाते हैं।

 
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