पैंगोंग झील का दक्षिणी हिस्सा पूरी तरह से भारत के कब्जे में, अब अक्साई चीन पर होगी चढ़ाई | The southern part of Pangong Lake is completely occupied by India

पैंगोंग झील का दक्षिणी हिस्सा पूरी तरह से भारत के कब्जे में, अब अक्साई चीन पर होगी चढ़ाई

पैंगोंग झील का दक्षिणी हिस्सा पूरी तरह से भारत के कब्जे में, अब अक्साई चीन पर होगी चढ़ाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : September 3, 2020/7:04 am IST

नई दिल्ली।  ये शायद पहली बार है जब चीन युद्ध लड़ने से पहले ही कई मोर्चों पर हारने लगा है। लद्दाख में पैंगोंग झील का दक्षिणी हिस्सा अब पूरी तरह से भारत के कब्जे में हैं। यहां पर कई पहाड़ी चोटियों पर अब भारत का कब्जा हो चुका है। ये वो इलाके हैं जो 1962 की लड़ाई के बाद से भारत से छिन चुके थे और अब पहली बार उन इलाकों में हमारे सैनिकों को जाने का मौका मिला है। बिना एक भी गोली चलाए भारत ने चीन से उसका सारा गुरूर एक झटके में छीन लिया। पैंगोंग लेक का दक्षिणी हिस्सा भारत के नियंत्रण में आ जाने से भारत इस इलाके में कैसे मजबूत हो गया है ये हम आपको बताएंगे।

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भारत की सैनिक कार्रवाई की शुरुआत 29 और 30 अगस्त की रात को हुई। जब पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में मौजूद एक चोटी ब्लैक टॉप पर चीन के ऑब्जर्वेशन की तरफ बढ़ते हुए 25-30 चीनी सैनिक देखे गए। चीन की सेना की आर्म्ड रेजीमेंट और बख्तरबंद गाड़ियों की एक बटालियन भी देखी गई। इसके फौरन बाद भारतीय सैनिक एक्शन में आ गए और ब्लैक टॉप के ऊपर पहुंचकर पोस्ट पर कब्जा कर लिया। इस दौरान हाथापाई की भी खबरें हैं लेकिन भारतीय सेना इसका खंडन कर रही है।

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इसके बाद 30 और 31 अगस्त की रात को भी चीन की सेना ने दोबारा आगे बढ़ने की कोशिश की। लेकिन इसके जवाब में भारतीय सेना ने पास की कई और पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया। भारतीय सेना की ये कार्रवाई पेट्रोलिंग प्वाइंट यानी PP 27 से PP 31 के बीच की गई है। ये सारे पेट्रोलिंग प्वाइंट अब भारतीय सेना के पास हैं। ये वो इलाके हैं जिन्हें 1962 में चीन ने कब्जा कर लिया था।

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फिर भारतीय सैनिकों ने रेकिन ला और रेजांग ला के इलाकों पर कब्जा किया जहां वर्ष 1962 के बाद भारतीय सेना ने कभी अपने सैनिक नहीं भेजे। इन दोनों ही जगहों पर वर्ष 1962 में भीषण लड़ाई हुई थी। पैंगोंग झील के करीब स्पांगुर गैप के पास ‘मगर हिल’ और गुरुंग हिल पर भी भारतीय सैनिकों कब्जा कर वहां तैनाती कर ली है। यानी इस समय पैंगोंग के दक्षिण किनारे से लेकर रेजांग ला तक हर पहाड़ी पर भारतीय सैनिकों का कब्जा है। इसकी वजह से हालात बेहद तनावपूर्ण हैं और चीन की तरफ से किसी नए मोर्चे को खोलने की भी आशंका है। भारतीय सेना ने चीन का मुकाबला करने के लिए ऐसी सभी जगहों पर टैंकों की तैनाती कर ली है।

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भारत के सैनिक अब पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर ऊंची चोटियों पर बैठे हैं, जबकि चीन की सेना निचले इलाकों में है। पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे की तुलना में दक्षिणी किनारे के आसपास की जमीन ज्यादा समतल और चौड़ी है और ये रास्ता लद्दाख और चुशूल घाटी तक भी भारतीय सेना की पहुंच को आसान बनाता है। ये रास्ता जिन पहाड़ों के बीच से होकर गुजरता है उनकी ऊंचाई 16 हजार फीट तक है और अब भारत के सैनिक इन पहाड़ों की ऊंचाई पर मौजूद हैं।

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अब आपको चीन की सबसे बड़ी परेशानी की वजह समझनी चाहिए। चीन की सबसे बड़ी परेशानी है, पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से पर भारत का नियंत्रण। चीन इस हिस्से पर नियंत्रण करके भारत के खिलाफ एक नया मोर्चा खोलना चाहता था, लेकिन 29 और 30 अगस्त की रात भारत की सेना ने चीन की इस योजना को विफल कर दिया।

 

 
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