स्थानीय उद्योगों के लिए लौह अयस्क और कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी- सीएम भूपेश | There will be no shortage of iron ore and coal for local industries

स्थानीय उद्योगों के लिए लौह अयस्क और कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी- सीएम भूपेश

स्थानीय उद्योगों के लिए लौह अयस्क और कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी- सीएम भूपेश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : December 19, 2020/1:45 pm IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय उद्योगों के लिए लौह अयस्क और कोयले की कमी नहीं होने दी जाएगी। राज्य सरकार एनएमडीसी और केन्द्र सरकार के साथ लगातार इस संबंध में प्रयास कर रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों से बस्तर सहित प्रदेश के वन क्षेत्रों में लघु वनोपजों में वेल्यू एडिशन के लिए उद्योगों की छोटी-छोटी यूनिटें लगाने का आव्हान किया है। मुख्यमंत्री बघेल आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित ’छत्तीसगढ़ के नवा बिहान’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कॉन्फ्रेडेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उद्योग मंत्री कवासी लखमा, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ भी उपस्थित थे।

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बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि उद्योगपतियों की सहूलियत के लिए राज्य सरकार लघु वनोपजों के वेल्यू एडिशन के लिए वन विभाग के माध्यम से मॉडल प्रोजेक्ट तैयार करने की पहल करेगी। जिससे ऐसे उद्योग स्थापित करने में उद्योगपतियों को आसानी हो। लघु वनोपजों में वेल्यू एडिशन से संग्राहकों को वनोपजों का अच्छा मूल्य मिलेगा और उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लगभग 300 गांवों में गौठानों में बनाए गए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। जहां महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रोजगार और आय के साधनों के साथ जुड़ रही हैं, इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि अम्बिकापुर में एक महिला स्वसहायता समूह ने गौठान में तैयार वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री 16 रूपए प्रति किलो की दर से करने के लिए एक कम्पनी के साथ एमओयू भी किया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट काल में जब पूरा देश आर्थिक मंदी से प्रभावित था, छत्तीसगढ़ में उद्योग जगत मंदी से अछूता रहा। लॉकडाउन के दौरान देश में सबसे पहले माह अप्रैल में छत्तीसगढ़ के उद्योगों में काम प्रारंभ हुआ। इसमें हमारे उद्योगपतियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। छत्तीसगढ़ जीएसटी कलेक्शन में आज शीर्ष में हैं। इसका श्रेय भी हमारे उद्योग और व्यापार जगत के लोगों को जाता है। छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क और कोयले की खदानों में कोरोना संकट काल में भी उत्पादन लगातार जारी रहा। बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगपतियों से विचार-विमर्श कर प्रदेश की नई औद्योगिक नीति निर्धारित की। जिसकी वजह से पिछले दो वर्षो में 103 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इन एमओयू के माध्यम से प्रदेश में 42 हजार करोड़ रूपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इन एमओयू को क्रियान्वित करने की चुनौती राज्य सरकार के साथ-साथ उद्योगपतियों की भी है। मुख्यमंत्री ने इन एमओयू के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को प्रोफेशनल तरीके से काम करने को कहा। उद्योगों की स्थापना के लिए अधिकारी उद्योगपतियों के साथ बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें। बघेल ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता खेती-किसानी के साथ उद्योगों के माध्यम से रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उत्पन्न करने की है। उन्होंने उद्योगपतियों से कहा कि उद्योगों में प्रशिक्षित श्रमिकों की जरूरत होगी तो राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने ऑटोमोबाइल उद्योग, सोलर एनर्जी प्लांट की स्थापना के लिए भी राज्य सरकार की ओर से मदद का आश्वासन दिया।

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उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति देश की सबसे अच्छी उद्योग नीतियों में से एक है। यह उद्योग नीति सभी से विचार-विमर्श कर और दूसरे राज्यों की उद्योग नीति का अध्ययन कर तैयार की गयी है। इस उद्योग नीति से उद्योग, व्यापार जगत सहित आमजनों को फायदा होगा। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि सीआईआई के कार्यक्रम में लोहा, कोयला, बिजली, पानी की चर्चा होती थी। आज पहली बार गोबर के बारे में भी चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की उद्योगों को बढ़ावा देने की दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण लोकल इन्वेस्टर उद्योगों में निवेश के लिए सामने आए हैं। उद्योग नीति में 150 प्रतिशत तक अनुदान के प्रावधान के कारण उद्योगपति आज बस्तर में भी उद्योग स्थापित करने के इच्छुक हैं। भारत सरकार ने धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति दी है और एथेनॉल के विक्रय की दर भी निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता गांव, गरीब और किसान हैं। साथ ही उद्योगों को भी उचित सम्मान प्राप्त है।

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राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ने उद्योगपतियों से प्रदेश के विकास में सहभागी बनने की बात कही। प्रमुख सचिव उद्योग मनोज कुमार पिंगुआ ने राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति, उद्योगों की स्थापना की स्वीकृति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की चर्चा करते हुए कहा कि इज ऑफ डूईंग बिजनेस के मामले में छत्तीसगढ़ शीर्ष स्थान पर है। सीआईआई के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर सीआईआई के अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।