भाइयों की कलाइयों में इस बार सजेगी देसी राखी, चाइनीज राखियों को मात देगी गोबर और गेहूं से सजी राखियां | This time Desi Rakhi will be adorned in the wrists of the brothers

भाइयों की कलाइयों में इस बार सजेगी देसी राखी, चाइनीज राखियों को मात देगी गोबर और गेहूं से सजी राखियां

भाइयों की कलाइयों में इस बार सजेगी देसी राखी, चाइनीज राखियों को मात देगी गोबर और गेहूं से सजी राखियां

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : July 14, 2020/8:43 am IST

रायपुर। चीन से तनातनी के बाद इस बार भाइयों की कलाइयों में देसी राखी सजने वाली है। भारतीय मार्केट पर चीन के कब्जे के बीच अब देसी राखी की मुहिम छिड़ी है। 

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छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से जहां एक रुपए किलो के भाव से गोबर लेने की अनोखी पहल के बाद पूरे देश में छत्तीसगढ़ राज्य की चर्चा हो रही है। स्व सहायता समूह की महिलाएं अब गोबर और बांस से राखियां तैयार कर रही हैं, जिन्हें राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाएगा। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने कोरोना योद्धाओं की कलाई पर ग्राम छाती के मल्टी यूटिलिटी सेंटर में तैयार की जा रही राखियां सजेंगी।

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बांस और गोबर से निर्मित चित्ताकर्षक व मनमोहक राखियां कोरोना महामारी के विरूद्ध जंग लड़ रहे स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आदिवासी विकास, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वच्छ भारत मिशन के 10 हजार से अधिक भाइयों की कलाई सजेंगी।

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जिला पंचायत सीईओ नम्रता गांधी ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रेरणा से तथा कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य की विशेष पहल पर ग्राम छाती के स्वसहायता समूहों की महिलाओं के द्वारा बांस की आकर्षक एवं कलात्मक राखियां तैयार की जा रही हैं। इस बार की राखी कोविड वॉरियर्स को समर्पित है, जो दिन-रात लोगों की सेवा में प्रस्तुत हैं।

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सीईओ नम्रता गांधी ने बताया कि इसके तहत पुलिस विभाग के लिए 1000, स्वास्थ्य विभाग के लिए 2000, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए 3500, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 2000, पंचायत विभाग के लिए 1000 तथा आदिवासी विकास विभाग के लिए लगभग 500 राखी के ऑर्डर प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अलग-अलग विभाग के लिए बनाई जा रही राखियां उनके कर्तव्य पर आधारित रहेंगी। पुलिस विभाग की राखी में तिरंगा का प्रतीक चिन्ह रहेगा।

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भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर इस बार चावल, गेहूं, दाल व धान से सजी राखियां सजेगी। महिला समूह ने यू-ट्यूब से सीखकर आकर्षक डिजाइन की बनाई राखियां बाजार में उपलब्ध रहेगी।

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इस बार 3 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। कटघोरा जनपद की जननी महिला संकुल संगठन धंवईपुर की महिलाओं ने कई आकर्षक राखियां बनाई है। इसमें चावल, गेहूं दाल व धान का इस्तेमाल किया है। अब तक समूहों ने 10 हजार राखियां तैयार कर चुकी हैं। जो मार्केट में बिकना शुरू हो गई है। इस राखी का मूल्य 10, 20 व 50 रुपए तय किया गया है। 

 

 
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