पिछले दिनों हुए वाराणसी हादसे में 18 लोगों की मौत हो गयी थी और साथ ही कई लोग घायल हुए थे। इतने बड़े हादसे की जाँच के लिए एक कमेटी गठित की गयी थी। बीते दिनों राज प्रताप सिंह कमेटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
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सौपी गयी रिपोर्ट में बहुत से बिंदु को ध्यान में रख कर कहा गया है कि इस दुर्घटना में राज्य सेतु निगम के निवर्तमान प्रबंध निदेशक राजन मित्तल समेत सात अधिकारियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाये। आपको बता दें की कमेटी की रिपोर्ट आने के पहले ही मित्तल को हटा दिया गया गया था जबकि चार अफसर निलंबित हैं। कमेटी ने स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े करते हुए कटघरे में खड़ा किया गया है।
जांच समिति की रिपोर्ट में कौन कौन सी बातें आई सामने
निर्माण कार्य में प्रयुक्त ड्राइंग का सक्षम विभागीय अधिकारी से अनुमोदन नहीं कराया गया।
पुल के कॉलम के बीच में डाली गई बीम्स को क्रास बीम्स से टाई नहीं किया गया।
बैच मिक्स प्लांट का रिकार्ड निर्माण इकाई द्वारा मेंटेन नहीं किया गया जिससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि बीम्स ढालने में इस्तेमाल की गई सीमेंट, सैंड व ग्रिट का अनुपात निर्धारित मानक के अनुसार था या नहीं तथा उसे समय-समय पर सक्षम अधिकारियों द्वारा चेक किया गया नहीं?
कार्य स्थल पर ढाली गई कंक्रीट की चेकलिस्ट का निर्माण इकाई के पास उपलब्ध नहीं था।
विभिन्न निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के बाद निरीक्षण की टिप्पणियां जारी नहीं की गईं।
कार्य कराते समय निर्माण इकाई द्वारा कार्यस्थल का बैरीकेड कर वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था न करना।
वेब डेस्क IBC24