बस्तर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान दल रवाना, कर्मियों में नक्सली भय कम हेलीकॉप्टर से जाने का उत्साह ज्यादा, 11 कोे वोटिंग | Voter party leaves for Bastar Lok Sabha polls

बस्तर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान दल रवाना, कर्मियों में नक्सली भय कम हेलीकॉप्टर से जाने का उत्साह ज्यादा, 11 कोे वोटिंग

बस्तर लोकसभा चुनाव के लिए मतदान दल रवाना, कर्मियों में नक्सली भय कम हेलीकॉप्टर से जाने का उत्साह ज्यादा, 11 कोे वोटिंग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : April 9, 2019/7:31 am IST

रायपुर। बस्तर सीट में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान दलों को ईवीएम के साथ आज रवाना किया गया। पहले चरण के तहत बस्तर में 11 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। आपको बतादें बस्तर के 111 मतदान केंद्रों मे 85 बूथ बीजापुर जिले के हैं। इसके बाद सुकमा और नारायणपुर सबसे संवेदनशील इलाके हैं।

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जबकि 259 बूथ नक्सलियों की वजह से शिफ्ट किये गए जहां पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई है। इसके अलावा दूरस्थ इलाकों में मतदान दलों को भेजने के लिए मंगलवार सभी जिला मुख्यालय से दलों को ईवीएम मशीनों के साथ रवाना कर दिया गया। मतदान दलों के सामने शांतिपूर्ण मतदान कराने से पहले कई चुनौतियां भी सामने आएंगी। इन्हें हेलीकॉप्टर के जरिए संवेदनशील इलाकों में भेजा गया जहां इन्हें ये बोट के जरिए नदी पार भी करना पड़ेगा। साथ ही कई किमी पैदल चलकर मतदान केंद्र तक पहुंचना होगा।

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कर्मचारियों में नक्सलियों के डर का भय कम हेकीकॉप्टर से जाने का उत्साह ज्यादा है। जगदलपुर के चिन्द्गूर मतदान केंद्र पर हेलीकॉप्टर से भेजे जाने वाले दल के कर्मचारी इस बात से खुश है कि उन्हें भगवान की कृपा से हेलीकॉप्टर से जाने का मौका मिल रहा है और जब पुलिस साथ होगी तो डर किस बात का यही हाल अति संवेदनशील इलाकों में हेलीकॉप्टर से भेजे गए मतदान दलों का है जिन्हें हवाई सफर पर दो रोज पहले कैंप पर 11 अप्रैल को मतदान करवाना है। सैकड़ों की संख्या में सुरक्षा बल अगले 48 घंटे तक सबसे ज्यादा खतरों के बीच सुरक्षा देते हुए मतदान करवाएंगे। यह भी खास बात है कि मतदान दलों को हेलीकॉप्टर, नदियों को पार करने के लिए वोट और मिलों का पैदल सफर भी करना होगा वह भी सिर्फ एक लोक सभा क्षेत्र में।

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बस्तर लोकसभा में दंतेवाड़ा और नारायणपुर की कई मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां नदी को पार करने के लिए मतदान दल वोट का इस्तेमाल करेंगे। 11 अप्रैल को सुबह पैदल चल कर कई मतदान दलों को मतदान करवाने पहुंचना होगा। कुल 1879 मतदान केंद्रों में से 1347 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित हैं इनमें से 741 मतदान केंद्र अति नक्सल प्रभावित हैं जहां बिना सुरक्षाबलों के मतदान करवाना संभव ही नहीं। इस बार अपेक्षाकृत कम सुरक्षा बल मुहैया होने की वजह से 279 मतदान केंद्रों को शिफ्ट किया गया है जहां अधिकतम 70 किलोमीटर पैदल चल कर मतदाताओं को वोट करने आना होगा।

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जिन इलाकों में मोबाइल नेटवर्क है वहां पर इस बार चुनाव आयोग के निर्देश पर मतदान प्रक्रिया पर नजर रखने सीसीटीवी कैमरों का भी इस्तेमाल होगा। इधर चुनाव की तैयारियों के साथ ही माओवादियों ने भी कई इलाकों में बैनर पोस्टर बांधे हैं पर अब तक किसी तरह के उपद्रव की जानकारी नहीं है।