बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के द्वारा सहायक प्राध्यापक के लिए की जा रही भर्ती परीक्षा में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को न्यूनतम अंक में पांच फीसदी छूट देने के निर्दश दिए हैं। आरक्षित वर्ग के उम्मीवारों ने हाईकोर्ट में याचिका पेश करते हुए रिक्त पदों के लिए न्यूनतम पचास फीसदी अंक की बाध्यता में छूट देने की मांग की थी।
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हाईकोर्ट ने आवेदकों को पांच प्रतिशत की छूट देते हुए उनके आवेदन को स्वीकार करने के लिए लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने प्रदेश के महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर भर्ती करने के लिए आनलाइन आवेदन आमंत्रित किया था। पीएससी ने इसके लिए स्नातक परीक्षा में न्यूनतम पचास फीसदी अंक को अनिवार्य कर दिया था।
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इसके खिलाफ आरक्षित वर्ग के कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। लोक सेवा आयोग ने अपने जवाब में कहा है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नियम 2019 बनाया गया है जिसमें न्यूनतम पचास फीसदी अंक स्नातक के लिए निर्धारित किया गया है। जस्टिस पी सैम कोशी ने सुनवाई करते हुए कहा है कि आरक्षित वर्ग न्यूनतम अंक में पांच फीसदी छूट का हकदार है। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वो लोक सेवा आयोग के सामने अपना आवेदन पेश करें।