मुख्यमंत्री को महिला स्व-सहायता समूहों ने भेंट किया हर्बल गुलाल, मंदिरों और सीएम निवास से मिले फूलों से बनाया गया | Women's self-help groups presented to Chief Minister herbal gulal, made from flowers found in temples and CM residence

मुख्यमंत्री को महिला स्व-सहायता समूहों ने भेंट किया हर्बल गुलाल, मंदिरों और सीएम निवास से मिले फूलों से बनाया गया

मुख्यमंत्री को महिला स्व-सहायता समूहों ने भेंट किया हर्बल गुलाल, मंदिरों और सीएम निवास से मिले फूलों से बनाया गया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : March 8, 2020/3:49 am IST

रायपुर, छत्तीसगढ़। इस होली के पर्व पर बिहान स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कवर्धा के भोरमदेव मंदिर में चढ़े फूलों और मुख्यमंत्री निवास से प्राप्त गुलदस्तों से हर्बल गुलाल तैयार कर लोगों को हर्बल रंग से होली खेलने की सौगात दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में रायपुर जिले के सेरीखेड़ी महिला स्व-सहायता समूह और कबीरधाम जिले के जय गंगा मईया महिला स्व-सहायता समूह के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की और मुख्यमंत्री को उन्होंने फूलों से निर्मित हर्बल गुलाल भेंट किया। मुख्यमंत्री बघेल ने महिला समूहों को हर्बल गुलाल के निर्माण के लिए संचालित गतिविधियों पर अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने इन महिला समूहों के अभिनव पहल की खूब सराहना की। महिला समूहों द्वारा मंदिरों में चढ़े और मुख्यमंत्री निवास से मिले फूलों का बेहतरीन ढंग से उपयोग कर हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर कहा – मुझे यह जानकर हार्दिक प्रसन्नता हुई है कि महिलाओं ने मंदिरों से पूजा के बाद निकलने वाले फूलों का सदुपयोग गुलाल बनाने में किया है। इसी तरह शादी विवाह, अन्य कार्यक्रम के साथ मुख्यमंत्री निवास के निकलने वाले फूलों का उपयोग भी हर्बल गुलाल बनाने में किया जा रहा है। इसके लिए इन सभी महिलाओं को साधुवाद देता हूं। रायपुर जिले के सेरीखेड़ी की महिलाओं ने अभी तक 8 क्विंटल गुलाल बनाया है। केवल यही नहीं बुके और गुलदस्तों के पन्नियों और रेपर का उपयोग इन महिलाओं ने साबुन को पैक करने में कर रही है तथा फूलों और बुके के अन्य डिंडियो आदि का उपयोग वे जैविक खाद बनाने में कर रही है।

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इसी तरह कबीरधाम जिले की जय गंगा मईया महिला स्व-सहायता समूह द्वारा छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से विख्यात भोरमदेव मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए फूलों से हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है। इनके द्वारा अब तक तैयार 4 क्विंटल गुलाल को बाजार में बिक्रय कर 52 हजार रूपए की आय अर्जित कर ली गई है। मुख्यमंत्री बघेल ने जय गंगा मईया महिला स्व-सहायता समूह द्वारा 9 अलग-अलग रंगों में तैयार किए जा रहे हर्बल गुलाल को भी सराहनीय बताया।

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भोरमदेव मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिदिन लगभग 200 से 300 किलो फूल चढ़ाया जाता है, जो सप्ताह के अंत में 400 से 500 किलो तक हो जाता है। उमंग और उल्लास के त्यौहार होली में अब लोगों को हर्बल गुलाल सहजता से सस्ते कीमत पर उपलब्ध होगा। गौरतलब है कि हर्बल गुलाल का स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है, बल्कि यह ठण्डक प्रदान करता है। इसके आंखों में चले जाने से कोई जलन नहीं होता है। इसके अलावा त्वचा तथा बालों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। हल्दी, गेंदा, गुलाब, चुकन्दर, पालक, अनार जैसे प्राकृतिक पुष्प तथा फलों से बने जैविक अथवा हर्बल गुलाल स्वास्थ्य के लाभकारी है।