भारतीय कैदी की आवाज़ उठाने पर लापता पत्रकार जीनत की 2 साल बाद वापसी | Zeenat Shahzadi, missing Pakistani journalist, found after two years

भारतीय कैदी की आवाज़ उठाने पर लापता पत्रकार जीनत की 2 साल बाद वापसी

भारतीय कैदी की आवाज़ उठाने पर लापता पत्रकार जीनत की 2 साल बाद वापसी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : October 21, 2017/8:35 am IST

 
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में रहस्यमय तरीके से ‘लापता’ लोगों की आवाज़ उठाने वाली स्वतंत्र (फ्री लांस) पाकिस्तानी पत्रकार ज़ीनत शहजादी  ज़िंदा हैं और उन्हें पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास से ढूंढ निकालने में कामयाबी मिल गई है। अगस्त 2015 से ज़ीनत लापता थीं और उनका कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था। पाकिस्तानी पत्रकार ज़ीनत के परिवार वालों और मानवाधिकार संगठनों का आरोप था कि चूंकि वो पाकिस्तान में लापता लोगों के मानवाधिकार की आवाज़ बनी हुई थीं, इसलिए उनके गायब होने में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का हाथ हो सकता है।
पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने रिटायर्ड जस्टिस जावेद इक़बाल के हवाले से ख़बर छापी है कि शहज़ादी की वापसी से वो बेहद खुश हैं। जावेद इक़बाल मिसिंग पर्सन्स कमीशन के प्रमुख हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक शहज़ादी को बुधवार की रात पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमावर्ती इलाके से सुरक्षा बलों ने रिहा कराया है। जावेद इकबाल ने बताया कि जीनत को विरोधी एजेंसियों ने अगवा कर लिया था, जिन्हें अब बरामद कर लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘बलूचिस्तान और खैबर पखतूनख्वा के आदिवासी बुजुर्गो ने जीनत को खोजने में काफी मदद की। 
25 साल की जीनत शहजादी ने लापता लोगों के लिए आवाज उठाई थी। सोशल मीडिया के जरिए जीनत लापता भारतीय हामिद अंसारी की मां फौजिया अंसारी के संपर्क में आ गई थीं।  भारतीय कैदी हामिद अंसारी पर जासूसी का आरोप है। जीनत ने फौजिया अंसारी की ओर से पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की मानवाधिकार सेल में निवेदन देकर हामिद को खोजने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की। इसका नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों को कमिशन के सामने यह स्वीकार करना पड़ा कि हामिद उनकी कस्टडी में है।  2015 में एक मिलिट्री कोर्ट ने हामिद को जासूसी के आरोप में 3 साल के लिए जेल भेज दिया था। 
2015 में अगस्त में जीनत शहजादी लापता हो गई थीं। शहजादी के गुमशुदा होने की खबर उस समय पाकिस्तान में चर्चा का विषय बनी थी, जब उसके 17 साल के भाई सद्दाम ने मार्च 2016 में आत्महत्या कर ली। शहजादी के परिवार के लोगों ने ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट को बताया कि जीनत के लापता होने से पहले भी सुरक्षा बलों ने उसे जबरन चार घंटे के लिए हिरासत में लिया था और उससे हामिद के बारे में पूछताछ की थी।

 
Flowers