बाबा बैजनाथ के धाम में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़, बुद्धकालीन वराह देवता की मूर्ति के भी होते हैं दर्शन | A crowd of devotees throngs Baba Baijnath's abode The Buddha Varaha deity statue is also seen

बाबा बैजनाथ के धाम में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़, बुद्धकालीन वराह देवता की मूर्ति के भी होते हैं दर्शन

बाबा बैजनाथ के धाम में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़, बुद्धकालीन वराह देवता की मूर्ति के भी होते हैं दर्शन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : June 6, 2020/8:12 am IST

धर्म। आगर मालावा में स्थित बाबा बैजनाथ के धाम में पूजा आरती के बाद भक्त अपने आराध्य के दर्शन करने के लिए उमड़ पड़ते हैं। बाबा के दर पर आकर सभी भक्त उनकी भक्ति में लीन हो जाते हैं। सबके दुख हरने वाले भोलेनाथ बाबा बैजनाथ महादेव के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त इस स्थान पर आते हैं। भक्तों का तांता दिनभर इस मंदिर में लगा रहता है। मंदिर के गर्भगृह में शिव-पार्वती की एक दुर्लभ प्रतिमा भी स्थापित है, जिसमें शिव जी की बाएं स्थान पर मां पार्वती विराजी हैं। वहीं गर्भगृह में कई दशकों से निरंतर जल रही अखण्ड ज्योति भी मौजूद है ।

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मंदिर के उत्तर भाग में गणेश मंदिर है जिसमे प्रथम पूज्य गणेश अपनी दोनों पत्नी रिद्धी और सिद्धी के साथ विराजे हैं। गणेश मंदिर के ठीक सामने विष्णु के तीसरे अवतार वराह देवता का मंदिर है जिसमें वराह देवता की बुद्धकालीन कलापूर्ण मूर्ति आकर्षक लगती है। यह प्रतिमा कहां से आई इसके बारे मे यहां कोई तथ्य मौजूद नहीं है, लेकिन बताया जाता है कि देश में वराह देव के केवल तीन ही मंदिर हैं, जिसमें से एक आगर-मालवा में स्थापित हैं।

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मंदिर प्रांगण में ही इन मंदिरों के अलावा मंगलनाथ महादेव मंदिर, हनुमान मंदिर, शबरी आश्रम और भैरव मंदिर सहित कई छोटे बडे शिवलिंग स्थापित हैं । मंदिर के बिल्कुल पीछे की ओर कुष्ठ रोगों से मुक्ति के लिये एक विशाल कमल कुंड है जिसमें बाबा बैजनाथ पर चढ़ाए जल के साथ अन्य द्रव्य गौमूखी नाल से होते हुए एक कुंड में इकट्ठा होता है, ऐसा कहा जाता है कि राजा नल ने कुष्ठ रोग के निदान के लिए इसी कुंड में स्नान किया था। मंदिर के गर्भगृह के बाहर अति प्राचीन नंदी प्रतिमा और विशाल त्रिशूल स्थापित है । सावन के महीने में बाबा बैजनाथ की शाही सवारी निकाली जाती है जिसमें सैंकड़ों हनुमान ध्वज सहित हजारों की संख्या में बाबा के भक्त शामिल होते हैं, वर्ष में एक बार होने वाले बाबा के नगर आगमन को लेकर बड़े स्तर पर प्रशासन और नगर वासी तैयारियां करते हैं।