शक्ति की भक्ति का पर्व चैत्र नवरात्र आरंभ, नवसंवत्सर 2077 आज से शुरु, देखें घट स्थापना का शुभ मुहुर्त | Chaitra Navratra begins the festival of devotion to power New Festival 2077 starts today See the auspicious time of the establishment

शक्ति की भक्ति का पर्व चैत्र नवरात्र आरंभ, नवसंवत्सर 2077 आज से शुरु, देखें घट स्थापना का शुभ मुहुर्त

शक्ति की भक्ति का पर्व चैत्र नवरात्र आरंभ, नवसंवत्सर 2077 आज से शुरु, देखें घट स्थापना का शुभ मुहुर्त

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : March 25, 2020/1:43 am IST

धर्म : चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा आज यानि 25 मार्च से शुरु हो रही है। चैत्र वासंती नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है। आज से नौ दिनों तक पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जायेगी। इसी तिथि से हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत2077 भी शुरू हो गया है। ब्रह्म पुराण के मुताबिक ब्रह्मा ने इसी संवत में सृष्टि के निर्माण की शुरुआत की थी। चैत्र नवरात्रि में भगवान विष्णु के दो-अवतार मत्स्यावतार और रामावतार होता है। साथ ही सूर्योपासना का पर्व चैती छठ,भगवान राम व हनुमानजी का पूजन भी होता है।

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इस बार किसी तिथि का क्षय नहीं है। चैत्र नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा, अर्चना व व्रत का अवसर भक्तों को मिलेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं से अपेक्षा है कि वह घर पर मां की आराधना करें। देवी मंदिरों में इस बार नवरात्र पर भक्तों की भीड़ नहीं रहेगी।

इस नवरात्र भजन संध्या व देवी जागरण के कार्यक्रम नहीं होंगे। भक्त घर पर ही विधिविधान से कलश स्थापना करके आदि शक्ति की आराधना कर सकेंगे। भक्तों को घर में देवी के चित्र के सामने श्रद्धा भाव से आराधना करनी चाहिए। साथ ही दुर्गासप्तशती व नवदुर्गा का पाठ परिवार के साथ करना चाहिए। पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा-अर्चना होगी। पूरे देश के सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक संस्थाओं ने नवरात्र पर्व पर घर में ही पूजन-अर्चन की अपील की है।

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घट स्थापना का मुहूर्त घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6.19 बजे से 07.17 बजे तक रहेगा। चौघड़िया मुहूर्त सुबह 6:05 से 7:36 तक और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:33 तक रहेगा।

चैत्र नवरात्र के साथ ही इस बार प्रमादी नाम का संवत्सर प्रारम्भ होगा जिसमें वर्ष का राजा बुध होगा, मंत्री पद चंद्रमा को प्राप्त होगा। सस्येश गुरु, दुर्गेश चन्द्र, धनेश गुरु, रसेश शनि, धान्येश बुध है। संवत्सर का निवास कुम्भकार के घर है। नववर्ष के मंत्रिमंडल को देखते हुए देश तथा समाज में सामंजस्य स्थापित होगा।

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25 मार्च बुधवार को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त-
प्रात: 6.19 बजे से 07.17 बजे तक
सिद्धि मुहूर्त-
सुबह 7.45 से सुबह 9.35 बजे
अभिजीत मुहूर्त-
10.35 बजे से 11.40 बजे

 
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