Ganga Dussehra 2022: आज यानी 9 जून को उत्तर भारत में बड़े पैमाने पर गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इसे लेकर खास तैयारी की गई है। गंगा दशहरा में शामिल होने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु वाराणसी और हरिद्वार पहुंच रहे हैं। गंगा दशहरा पर स्नान और दान का विशेष महत्व होता है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार गंगा दशहरा पर ग्रह और नक्षत्रों से मिलकर चार शुभ योग बन रहे हैं। गुरु-चंद्रमा और मंगल का दृष्टि संबंध रहेगा। इससे गज केसरी और महालक्ष्मी योग का निर्माण होगा। वहीं, वृष राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य योग बनेगा। इसके अलावा, सूर्य और चंद्रमा के नक्षत्रों से पूरे दिन रवि योग रहेगा। इस शुभ घड़ी में दान स्नान का महत्व और ज्यादा बढ़ जाएगा
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ज्योतिषियों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण और कन्यास्थ चंद्रमा होगा। मां गंगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में ही पृथ्वी पर उतरी थीं। इसलिए हस्त नक्षत्र में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य पूर्णत: सफल माने जाते हैं। गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र सुबह 4 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर अगले दिन सुबह सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगा।
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Ganga Dussehra 2022: गंगा दशहरा की दशमी तिथि गुरुवार 9 जून 2022 को सुबह 8 बजकर 23 मिनट से लेकर शुक्रवार, 10 जून को सुबह 7 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। इस बीच शुभ घड़ी में आप किसी भी समय आस्था की डुबकी लगा सकते हैं। अगर आपके लिए गंगा घाट पर जाकर स्नान करना संभव नहीं है तो बाल्टी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाए जाने का विधान है। हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन धरती पर मां गंगा अवतरित हुई थीं। मान्यता है कि इस शुभ तिथि को गंगा नदी में डुबकी लगाने से हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है।
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