आज से हो रही चैत्र नवरात्रि पर्व की शुरूआत, घट स्थापाना का मुहूर्त, पूजन विधि, देवी मंत्र..जानें

आज से हो रही चैत्र नवरात्रि पर्व की शुरूआत, घट स्थापाना का मुहूर्त, पूजन विधि, देवी मंत्र..जानें

आज से हो रही चैत्र नवरात्रि पर्व की शुरूआत, घट स्थापाना का मुहूर्त, पूजन विधि, देवी मंत्र..जानें
Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 pm IST
Published Date: April 13, 2021 1:11 am IST

Ghatasthapana Shubh Muhurat 2021: चैत्र मास की शुरुआत हो चुकी है. इस महीने में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2021) का पर्व मनाया जाता है. इस साल चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना (Kab Hai Ghatasthapana) की जाती है. इसके साथ ही नवरात्रि का पर्व शुरू हो जाता है. ऐसे में अगर आप भी नवरात्रि का पर्व मनाने का सोच रहे हैं तो यहां जानें घटस्थापना का शुभ मुहूर्त- Also Read – Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्रि पर 90 साल बाद बन रहे शुभ योग, जानें कलश स्थापना की सटीक विधि

चैत्र नवरात्रि 2021 घटस्थापना मुहूर्त

नवरात्रि में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है. घटस्थापना से ही नवरात्रि की पूजा शुरू होती है. घटस्थापना का मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. घटस्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में सात प्रकार के अनाज बोए जाते हैं. इसके बाद इस पात्र के ऊपर कलश की स्थापना करें. कलश में जल भरें. इसमें गंगाजल भी मिलाएं. कलश पर कलावा बांधें. कलश के मुख पर आम या अशोक के पत्ते रख दें. फिर जटा नारियल को कलावा से बांधे. लाल कपड़े में नारियल को लपेट कर कलश के ऊपर रखें.

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चैत्र नवरात्रि कब से कब तक?

हिंदी पंचांग के मुताबिक, 13 अप्रैल मंगलवार को चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा की तिथि से नवरात्रि का पर्व शुरू होगा. नवमी की तिथि 21 अप्रैल को पड़ेगी. इसके साथ ही, नवरात्रि व्रत पारण 22 अप्रैल दशमी की तिथि को होगा.

इन 4 मंत्र के उच्चारण से जीवन भय एवं बाधारहित होकर समस्त सुखों को प्राप्त‍ करता है। मां दुर्गा के स्वरूपों का स्मरण करते हुए निम्न मंत्रों का जप नवरा‍त्रि के अलावा प्रतिदिन किया जाए तो अधिक से अधिक सफलता प्राप्त होती है। अत: प्रत्येक मनुष्य को इन प्रभावी मंत्रों का जप अवश्य करना चाहिए।
 
आपके लिए प्रस्तुत है मां दुर्गा के प्रिय मंत्र
 
1.
* सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
 
2.
 
* ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
3.
 
* या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
 
* या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
 
* या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
 
* या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
 
* या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
 
* या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
 
* या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
 
4.
* नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’ का जाप अधिक से अधिक अवश्‍य करें।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com