नौकरी नहीं अब किसानी करबो...भूपेश सरकार की योजनाओं से प्रभावित होकर खेती किसानी में इंट्रेस्ट ले रहे युवा |

नौकरी नहीं अब किसानी करबो…भूपेश सरकार की योजनाओं से प्रभावित होकर खेती किसानी में इंट्रेस्ट ले रहे युवा

Impressed by the plans of Bhupesh Sarkar: भूपेश सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। किसानों को कृषि उपजों का सर्वाधिक मूल्य दिया। प्रदेश में तिलहन, दलहन और कोदो-कुटकी की भी ख़रीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। किसानों को सभी न्याय योजनाओं की किश्त समय पर मिल रही है, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि किस्तों में किसानों के खाते में अंतरित कर दी जा रही है। राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से प्रदेश भर के अन्नदाता खुशहाल हैं।

Edited By :   Modified Date:  July 31, 2023 / 10:56 PM IST, Published Date : July 31, 2023/10:54 pm IST

Impressed by the plans of Bhupesh Sarkar: रायपुर। जब मन में कुछ अच्छा करने की ललक और इरादे नेक हों, तो रास्ते खुद-ब-खुद बनते जाते हैं और कामयाबी कदम चूमती है। वर्तमान समय में लोगों के बीच एक बात हमेशा से चर्चा का विषय बनी हुई है, वह यह कि अब किसानी लाभ का धंधा नहीं रहा, लेकिन छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद प्रदेश में इस बात को नकारा जाने लगा है। भूपेश सरकार की तमाम कृ​षक हितैषी योजनाओं ने युवाओं को भी खेती की ओर आकर्षित किया है। इसके पहले कि हम आपको कृषि में रुचि ले रहे युवाओं के बारे में बताएं हम मुत्रयमंत्री भूपेश बघेल की कुछ बातों का उल्लेख करना चाहते हैं।

बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आमजन को सम्बोधित करते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार लोगों के विश्वास के साथ आई है, हमने शपथ लेते ही पहले फ़ैसले में किसानों का ऋण माफ़ किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने हमें 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने की बात कही थी, जिसे हमने 10 घंटे के अंदर ही पूर्ण किया। लोगों का विश्वास हमारे साथ है, सीएम ने कहा कि कोरोना काल में 2 साल बहुत ही खराब रहे लेकिन हमारा हौसला कमजोर नहीं हुआ।

किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले

भूपेश सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। किसानों को कृषि उपजों का सर्वाधिक मूल्य दिया। प्रदेश में तिलहन, दलहन और कोदो-कुटकी की भी ख़रीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। किसानों को सभी न्याय योजनाओं की किश्त समय पर मिल रही है, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि किस्तों में किसानों के खाते में अंतरित कर दी जा रही है। राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से प्रदेश भर के अन्नदाता खुशहाल हैं।

महासमुंद के किसान विजय चंद्राकर ने बताया कि उनकी 30 एकड़ जमीन है। कर्ज माफी के दौरान उनका लगभग ढाई लाख रुपए का कर्जा माफ हुआ है और बचे हुए पैसों से खेत को विकसित किया है। अब उद्यानिकी फसलों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। किसान विजय चंद्राकर ने बताया कि उनके पास 30 एकड़ जमीन है और उनका ऋण माफी योजना के तहत लगभग ढाई लाख रुपये का कर्ज माफ हुआ। उन्होंने कृषि से हुई आय से अपने खेतों को विकसित किया और अब वे उद्यानिकी फसल की ओर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने 2 एकड़ जमीन भी ख़रीदा साथ ही पत्नी के लिए ऐंठी और पायल भी लिया।

वहीं ग्रामीण चैन सिंह ने बड़े रोचक अंदाज में चर्चा करते हुए बताया कि राज्य शासन की कल्याणकारी योजनों से किसानों के जीवन में सुधार आया। बिरकोनी से आई श्रीमती बिमला साहू ने बताया कि उनके घर में 7 सदस्य हैं, उन्हें 35 किलो चावल और नमक निःशुल्क मिलता है। शक्कर एक किलो 17 रुपए में लेते हैं। लेकिन मिट्टी तेल 105 रुपये प्रति लीटर की दर से मिलता है, जो बहुत महंगा है और गैस सिलेंडर महंगा होने के कारण उसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसी प्रकार श्रीमती पुष्पा पाठक ने बताया कि उनका समूह वर्मी कम्पोस्ट बनाता है। समूह के द्वारा अब तक एक लाख 80 हजार रुपए का केंचुआ खाद बेचा जा चुका है और समूह के सदस्यों द्वारा केचुआ का भी विक्रय किया जा रहा है। उससे हुई बचत से उन्होंने गाड़ी भी खरीदी है।

वहीं गोधन न्याय योजना की लाभान्वित हितग्राही मंजू यादव ने बताया कि मेरे यहां 60-70 गाये हैं एक क्विंटल दूध होता है, 6 लाख का गोबर बेचा है। योजना का लगातार लाभ मिल रहा है। इससे हुई आय से बाइक और गहने भी खरीदी हैं। गोप कुमार टंडेकर ने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि किश्तवार मिल रही है। उनका एक बच्चा बीएससी और एक बीएड की पढ़ाई कर रहा है।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना

छत्तीसगढ़ में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर 21 मई को राज्य के किसानों के बैंक खातों में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 1894 करोड़ 93 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए थे। छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में इस योजना के तहत 6800 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है, लेकिन बीते खरीफ सीजन में पंजीकृत किसानों की संख्या रकबा और धान की रिकार्ड खरीदी को देखते हुए इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी की यह राशि लगभग 8000 करोड़ होने का अनुमान है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत कृषि लागत में कमी लाने और फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार खरीफ फसलों के उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपये की इनपुट सब्सिडी दे रही है। वर्ष 2021 से इस योजना में समस्त खरीफ फसलों और उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है। साथ ही उत्पादक कृषकों को हर साल प्रति एकड़ के मान से 9 हजार रुपये इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

सौर सुजला योजना से मिली तरक्की

सौर सुजला योजना से आज दुर्गम क्षेत्रों तक भी किसानों के खेतों में फसल लहलहा रही है। छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) विभाग द्वारा प्राप्त सोलर पम्पों से सिंचाई आसान हुई है। कोरिया जिले के विकासखण्ड बैकुंठपुर के ग्राम कुड़ेली के किसान सुखराम प्रजापति बताते हैं कि उनके पास लगभग 5 एकड़ कृषि योग्य भूमि है, पहले वे सीजन में गेहूं की फसल लगाते थे लेकिन नल तथा वर्षाजल के माध्यम से पर्याप्त सिंचाई नहीं हो पाती थी, जब से उनके खेत में 3 एचपी का सोलर पम्प लगा है तब से पूरे वर्ष खेतों में हरियाली रहती है, उन्होंने बताया की पंप लगने के बाद उनकी आमदनी 60000 से अधिक हो गई है जिससे वे बहुत खुश हैं। इसी तरह 5 एकड़ में धान तथा सब्जी की खेती कर रहे हैं। ग्राम केसगवा के मोहर लाल बताते हैं कि सोलर पम्प लगने से पहले खेतों में केवल धान ही लगा पाते थे, सोलर पंप लगने के बाद अच्छी खेती से आमदनी भी अच्छी हो रही है।

धान के अलावा गेहूं, अलसी, मसूर की खेती कर कमा रहे मुनाफा

किसान अब धान के अलावा अन्य फसलों की तरफ भी रुचि दिखा रहे हैं। ग्रीष्मकालीन धान के साथ ही साथ अन्य फसलों जैसे कि गेहूं, अलसी, मसूर, मूंग की अच्छी पैदावार प्राप्त कर रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा संचालित टरफा योजना के अंतर्गत किसानों को अनुदान राशि के माध्यम से बीज मुहैया कराकर उन्हें अन्य फसलों की बुआई के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कम पानी और कम लागत में फसलों की अच्छी पैदावार होने से जिले किसान अच्छी आमदनी कर रहे हैं। बिलासपुर जिले के विकासखंड तखतपुर के सिलतरा निवासी किसान राजेश यादव के पास 1.5 एकड़ कृषि भूमि है। वे अपनी भूमि पर धान की फसल लगाया करते थे। यादव ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में धान की फसलों को अत्यधिक पानी की आवश्यकता पड़ती थी। फलस्वरूप धान की पैदावार पर भी असर पड़ता था। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के माध्यम से उन्हें धान के बदले अन्य फसलों जैसे गेहूं, मूंग, मसूर, मक्का की खेती कम लागत और कम पानी में किए जा सकने की जानकारी मिली। कृषि विभाग द्वारा गेहूं बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर और प्रदर्शन हेतु मसूर बीज प्राप्त हुआ। राजेश यादव ने गेहूं और मसूर की मिश्रित बोनी की। कम पानी में फसलों की अच्छी पैदावार हुई, जिससे अच्छा लाभ प्राप्त हुआ। राजेश यादव ने कृषि विभाग की टरफा योजना के लिए धन्यवाद दिया। उनकी सफलता को देखकर अन्य किसान भी मिश्रित खेती के लिए प्रेरित हो रहे है।

15 से बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का फैसला

प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में बेहतर कार्य हुए हैं, छत्तीसगढ़ को जैविक राज्य बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। किसानों के बीच यह चर्चा है कि भूपेश है तो भरोसा है, ये केवल किसानों का नारा नहीं है बल्कि सामूहिक रूप से छत्तीसगढ़ के पूरी जनता का नारा है। लोग सीएम भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ में किसानों की मदद करने वाला मुख्यमंत्री बताते हैं। इसलिये लगातार किसानों के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं। सीएम ने प्रदेश में 15 क्विंटल से बढ़कर 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की घोषणा भी किसानों के लिए मददगार हो रही है। यह प्रसन्नता की बात है कि आज छत्तीसगढ़ के किसान सबसे खुशहाल किसान हैं, और वे अब नौकरी का लालच छोड़ खेती की ओर फिर से रुख करने लगे हैं।

राज्य सरकार की योजनाओं से जैविक खेती को प्रोत्साहन

जीवों के प्रति दया का भाव और पर्यावरण के प्रति प्रेम ने कोण्डागांव की वेदेश्वरी शर्मा को जैविक खेती और गौसेवा के क्षेत्र में एक नई पहचान दी है। गोधन की सेवा और जैविक खेती को अपने जीवन का लक्ष्य मानने वाली वेदेश्वरी शर्मा ने इस काम से हजारों महिलाओं को न सिर्फ जोड़ा है, बल्कि उनके स्वावलंबन की भी सूत्रधार बनी है। गौसेवा और जैविक खेती के प्रोत्साहन के उनके प्रयासों को गौसेवा आयोग से लेकर कई संस्थाओं ने न सिर्फ सराहा है बल्कि उन्हें सम्मानित भी किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में संचालित छत्तीसगढ़ सरकार की गौठान निर्माण और गोधन न्याय योजना की तारीफ करते हुए वह कहती है कि इसके माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था, रोजगार और पर्यावरण को बेहतर बनाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार गोधन न्याय योजना ने गौ-सेवा और जैविक खेती को लेकर उनके उत्साह को दोगुना कर दिया है।

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