Laadli Laxmi Yojana MP Latest Update 2023 : भोपाल। लाड़ली लक्ष्मी योजना मध्य प्रदेश की शुरुआत 01 अप्रैल 2007 में की गयी थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य लिंग अनुपात में सुधार, लोगों में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक सोच लाना, बालिकाओं के शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाना और उनके भविष्य को उज्जवल बनाना हैं। मध्य प्रदेश के मूल निवासी ही इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है।
आवेदक मध्य प्रदेश राज्य के स्थाई निवासी होने चाहिए।
आवेदक के परिवार की वार्षिक आय गरीबी रेखा के अनुसार होनी चाहिए।
आवेदिका 18 वर्ष तक अविवाहिता होनी चाहिए।
यदि आवेदिका का परिवार आयकर भरता है तो वह इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
यदि कोई परिवार किसी बालिका को गोद लेता है तो उसके लीगल प्रमाण पत्र अवश्य होना चाहिए, तभी वह इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है।
आधार कार्ड
माता-पिता का पहचान पत्र
बालिका का जन्म प्रमाण पत्र
बैंक खाते की जानकारी
पैन कार्ड नंबर
स्थाई निवासी प्रमाण पत्र
राशन कार्ड
पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
जाति प्रमाण पत्र
मोबाइल नंबर
गोद लेने का प्रमाण पत्र (यदि बालिका को गोद लिया है तो)
पहली किस्त: प्रदेश सरकार सबसे पहले लगातार पांच वर्षो तक 6-6 हजार रूपये लाड़ली लक्ष्मी योजना की निधि में जमा करेगी (कुल राशि 30,000 रूपये जमा किये जाएंगे)
दूसरी किस्त : कक्षा 6वीं में प्रवेश पर राशि – 2000 रूपये।
तीसरी किस्त : कक्षा 9वीं में प्रवेश पर राशि – 4000 रूपये।
चौथी किस्त : कक्षा 11वीं में प्रवेश पर राशि – 6000 रूपये।
पाँचवी किस्त : कक्षा 12वीं में प्रवेश पर राशि – 6000 रूपये।
छटवी किस्त : यह किस्त बेटी के 12वीं कक्षा को उत्तीर्ण करने के साथ-साथ 21 साल या इससे अधिक आयु का होना जरूरी है। अंतिम किस्त के रूप में मध्य प्रदेश सरकार 1,00,000 रूपये की सहायता राशि प्रदान करेगी।
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लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए पुत्री के जन्म के एक वर्ष के अंदर-अंदर इस योजना के लिए पंजीकरण करा सकते है।
दो जुड़वाँ बच्चियाँ भी (दोनों बालिकाएं अलग-अलग) इस योजना लाभ ले सकती है।
यदि बालिका को गोद लिया जाता है तो वह भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है, परन्तु इसके लिए आवेदक के पास बालिका के गोद से सम्बंधित पूरे दस्तावेज होने चाहिए।
इस योजना के अंतर्गत बालिका की विवाह की उम्र 21 वर्ष निर्धारित की गयी वही तभी आखरी किस्त प्रदेश सरकार जारी करेगी। यदि
लड़की का विवाह 21 वर्ष से पूर्व कर दिया जाता है तो आखरी किस्त जारी नहीं की जाएगी।
अंतिम किस्त 1 लाख रूपये की होगी जिसका उपयोग कन्या के विवाह या शिक्षा के लिए उपयोग कर सकते है। यह धन राशि दहेज़ के रूप में उपयोग नहीं की जा सकती।
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