मेरा ध्यान सत्र दर सत्र बल्लेबाजी करने पर लगा था : जायसवाल |

मेरा ध्यान सत्र दर सत्र बल्लेबाजी करने पर लगा था : जायसवाल

मेरा ध्यान सत्र दर सत्र बल्लेबाजी करने पर लगा था : जायसवाल

:   Modified Date:  February 2, 2024 / 06:10 PM IST, Published Date : February 2, 2024/6:10 pm IST

विशाखापत्तनम, दो फरवरी (भाषा) भारत के युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने शुक्रवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले दिन करियर की सर्वश्रेष्ठ नाबाद 179 रन की पारी खेलने के बाद कहा कि उनका ध्यान सत्र दर सत्र बल्लेबाजी करने पर लगा था।

इस 22 साल के खिलाड़ी के शतक से भारत ने पहले दिन स्टंप उखड़ने तक छह विकेट पर 336 रन बनाये।

छह टेस्ट में यह जायसवाल का दूसरा शतक है, उन्होंने पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, ‘‘मैं सत्र दर सत्र खेलना चाहता था। जब वे अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे तो मैं उस स्पैल को खत्म होने देना चाहता था। लेकिन मैं ढीली गेंदों को भी रन में बदलकर अंत तक खेलते रहना चाहता था। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल द्रविड़ सर और रोहित भाई ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया और मुझे इसे बड़ी पारी में तब्दील करने के साथ अंत तक क्रीज पर डटे रहने को कहा। ’’

हैदराबाद में श्रृंखला के शुरूआती मैच में 80 रन की पारी खेलने वाले जायसवाल ने सुनिश्चित किया कि वह अपनी मजबूत शुरूआत को बड़े शतक में तब्दील करे।

जायसवाल ने कहा, ‘‘मैं इसे दोहरा शतक बनाना चाहूंगा और टीम के लिए अंत तक क्रीज पर बने रहना चाहूंगा। मैं कल के लिए तरोताजा होना चाहता हूं। ’’

पिच की प्रकृति के बारे में पूछने पर जायसवाल ने कहा, ‘‘शुरू में विकेट नम था और इसमें ‘स्पिन और उछाल’ के साथ थोड़ी सीम भी थी। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिच थोड़ा अलग बर्ताव कर रही थी क्योंकि सुबह में यह थोड़ी नम थी लेकिन फिर यह ठीक हो गयी। पुरानी गेंद से इस पर थोड़ा उछाल था। ’’

भाषा नमिता आनन्द

आनन्द

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)