रिले टीम का लक्ष्य ओलंपिक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना: पूवम्मा |

रिले टीम का लक्ष्य ओलंपिक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना: पूवम्मा

रिले टीम का लक्ष्य ओलंपिक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना: पूवम्मा

:   Modified Date:  May 7, 2024 / 06:08 PM IST, Published Date : May 7, 2024/6:08 pm IST

नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) बहामास में आयोजित विश्व एथलेटिक्स रिले के जरिये पेरिस खेलों में जगह बनाने वाली भारतीय महिला चार गुणा 400 मीटर रिले टीम की सबसे अनुभवी सदस्य एमआर पूवम्मा का मानना है कि टीम ओलंपिक में 20 साल पुराने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ने के साथ देश के लिए अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का माद्दा रखती है।

  पूवम्मा, रूपल चौधरी, ज्योतिका श्री दांडी और शुभा वेंकटेशन की चौकड़ी ने तीन मिनट 29 . 35 सेकंड का समय लेकर दूसरे दौर की हीट में जमैका ( 3 : 28 . 54) के बाद दूसरा स्थान हासिल करके पेरिस का टिकट कटाया ।

पूवम्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम राष्ट्रीय रिकॉर्ड में सुधार करना चाहते थे लेकिन हम ऐसा नहीं कर सके। हम इस सत्र की आगामी प्रतियोगिताओं में ऐसा करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस बार पेरिस ओलंपिक में टीम का लक्ष्य राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने के साथ फाइनल में पहुंचना और पहले के बेहतर प्रदर्शन करना है। हमारा राष्ट्रीय रिकॉर्ड 20 साल पुराना है और हमें इसे बेहतर करना है। इस टीम के पास ऐसा करने की क्षमता है।’’

महिलाओं की चार गुणा 400 मीटर रिले का राष्ट्रीय रिकॉर्ड चित्रा सोमन, राजविंदर कौर, केएम बीनामोल और मंजीत कौर की चौकड़ी के नाम पर है, जिन्होंने 2004 एथेंस ओलंपिक में 3:26.89 सेकेंड का समय लिया था।

ओलंपिक में महिलाओं की चार गुणा 400 रिले स्पर्धा में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दो बार (1984 – लॉस एंजिल्स और 2004-एथेंस) रहा है।

पूवम्मा ने कहा कि महिलाओं की चार गुणा 400 मीटर रिले टीम की पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन को आश्चर्यजनक परिणाम नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि यह चौकड़ी इस उपलब्धि हासिल करने के लिए ‘आश्वस्त’ थी।

इस 33 साल की खिलाड़ी ने कहा, ‘‘हमें पता था कि हमारे पास पुरुषों और महिलाओं की चार गुणा 400 मीटर रिले में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का अच्छा मौका है। हम इसे लेकर आश्वस्त थे।’’

उन्होंने कहा कि इस आयोजन से एक महीने पहले पहुंचने के टीम के फैसले से फायदा मिला। इससे खिलाड़ी परिस्थितियों के अनुरूप ढलने में सफल रहे।

इस 33 साल की एथलीट ने कहा, ‘‘ वीजा समस्याओं के कारण मैं प्रतियोगिता से 20 दिन पहली यहां पहुंची थी लेकिन टीम के अन्य खिलाड़ी एक महीने पहले यहां पहुंच गये थे। इससे वास्तव में मदद मिली। उदाहरण के लिए, यहां बहुत हवा है और आप अचानक आकर यहां अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते। यह अच्छा है कि हम यहां कुछ समय पहले ही आ गये थे और परिस्थितियों के अनुरूप ढल गए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ यहां तक की हमारे भोजन का भी ख्याल रखा जाता था। हमें यहां भारत जैसा ही खाना दिया जाता था। मैं सोच रही थी कि यह वैसा ही खाना है जैसा मुझे तिरुवनंतपुरम (जहां टीम ने बहामास जाने से पहले ट्रेनिंग ली थी) में मिलता था।’’

पूवम्मा खुश और राहत महसूस कर रही हैं कि 2021 में जब उन पर डोपिंग उल्लंघन के लिए दो साल का प्रतिबंध लगाया गया तो उन्होंने खेल नहीं छोड़ा था। वह इस दौरान मानसिक रूप से टूट गई थीं लेकिन उन्होंने नियमित तौर पर कड़ा अभ्यास करना जारी रखा था।

पूवम्मा ने कहा, ‘‘ प्रतिबंध के दौरान अगर मैंने अभ्यास छोड दिया होता तो मेरे लिये वापसी करना काफी मुश्किल होता। मैं इस दौरान पुणे ( जहां उनके पति जितिन पॉल आयकर विभाग में अधिकारी है) में थी और सेना चिकित्सा कॉलेज तथा सेना खेल संस्थान में अभ्यास करती थी।’’

भाषा आनन्द पंत

पंत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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