मध्य प्रदेश में पुलिस फायरिंग में किसानों की मौत के बाद शुरू हुई हिंसा भले थम गई हो लेकिन किसानों की मौत का सिलसिला जारी है. पिछले 24 घंटे के अंदर तीन किसानों ने खुदकुशी कर ली. जिसके पीछे कर्ज को जिम्मेदार ठहराते हुए विपक्ष ने शिवराज सरकार को कटघरे में खड़ा किया है तो वहीं सरकार के नुमांइदे मौत के पीछे निजी कारणों की दुहाई दे रहे हैं.
मध्यप्रदेश में किसानों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा. पिछले 24 घंटे के अंदर तीन किसानों ने खुदकुशी कर ली. होशंगाबाद, सीहोर और विदिशा में कर्ज से परेशान 3 किसानों ने मौत को गले लगा लिया. होशंगाबाद जिले में सिवनी मालवा के भैरोपुर गांव में एक किसान ने पेड़ पर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. परिजनों के मुताबिक मृतक किसान कर्ज को लेकर परेशान था.
वहीं सीहोर की रेहटी तहसील के जाजना गांव में भी कर्ज के बोझ तले दबे दुलचंद नाम के किसान ने कीटनाशक पीकर जान दे दी. इधर विदिशा के शमशाबाद के जीरापुर गांव में भी एक किसान ने जहर खा लिया जिसकी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. इस मौत के पीछे परिजन जहां कर्ज को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं विपक्ष ने भी शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है.
लेकिन मध्यप्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह किसानों की मौत के पीछे कर्ज की बजाए निजी कारणों का एंगल तलाश रहे हैं. प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह भले कर्ज से आत्महत्या की बात को नकारने की कोशिश कर रहे हों. लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि ये वही गृहमंत्री हैं. जिन्होंने पहले किसानों पर पुलिस फायरिंग की बात को भी नकार दिया था.
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