रायपुर। 29 सितंबर को पंचायत विभाग के संचालक द्वारा जारी किए गए आदेश की व्याख्या करने में कहीं न कहीं त्रुटि हो रही है। जिसके चलते यह खबर आ गई कि शिक्षाकर्मियों को बहुत बड़ी सौगात मिली है और इससे 3500 परिवार लाभान्वित होंगे। जबकि सच्चाई ऐसा कुछ भी नहीं है ।
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IBC24 से खास बातचीत पर शिक्षक संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे ने बताया कि पंचायत विभाग द्वारा 29 सितंबर को जो आदेश जारी किया गया है। उसमें अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले अभ्यार्थियों को आवेदन हेतु 6 वर्ष का समय दिया गया है। तकि वह इस 6 वर्ष की अवधि में 12वीं की डिग्री के साथ साथ डीएड/बीएलएड एवं टीईटी की योग्यता हासिल कर ले और यदि ऐसा करने में वह सफल हो जाते हैं। तो इसके पश्चात नौकरी के लिए आवेदन करें यानी छूट केवल आवेदन करने के लिए दी गई समयावधि में दी गई है ।
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आश्रितों को न तो नौकरी दी गई है और न ही ऐसा कोई प्रावधान बनाया गया है। जबकि होना यह चाहिए की यदि परिजनों के पास 12वीं पास की शैक्षिक अहर्ता है तो उन्हें तत्काल नौकरी देते हुए व्यावसायिक अहर्ता हेतु 6 साल का समय देना चाहिए ताकि वह डीएड और टीईटी पास हो सकें । पीड़ितों के पास रोजगार रहेगा तो वह अपना घर भी चला सकेंगे और अपनी व्यवसायिक अहर्ता भी पूर्ण कर लेंगे। बिना रोजगार के यह संभव नहीं है जिसके चलते वह दर दर ठोकर खाने को मजबूर है। समयावधि बढ़ाने से किसी भी अनुकंपा पीड़ित को कोई खास लाभ नही मिलने वाला है ।
वेब डेस्क, IBC24
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