महाराष्ट्र के युवा सरपंच ने गांव को कोविड मुक्त रखने के लिए लागू किया पांच सूत्री कार्यक्रम | Maharashtra youth sarpanch implements five-point programme to keep village covid free

महाराष्ट्र के युवा सरपंच ने गांव को कोविड मुक्त रखने के लिए लागू किया पांच सूत्री कार्यक्रम

महाराष्ट्र के युवा सरपंच ने गांव को कोविड मुक्त रखने के लिए लागू किया पांच सूत्री कार्यक्रम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : May 31, 2021/12:41 pm IST

मुंबई, 31 मई (भाषा) महाराष्ट्र के सबसे युवा सरपंच ऋतुराज देशमुख ने कोविड-19 महामारी को अपने गांव से दूर रखने के लिए पांच सूत्री कार्यक्रम चलाते हुए ग्रामीणों के मन में बचाव के प्रति एक तरह की जिम्मेदारी पैदा की और इसका लाभ यह हुआ कि यह गांव फिलहाल संक्रमण मुक्त है तथा राज्य के मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने उनके इस पहल की प्रशंसा भी की है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को राज्य की जनता को ऑनलाइन संबोधित किया था और इस दौरान उन्होंने देशमुख के योगदान की प्रशंसा करते हुए राज्य के सभी सरपंचों को उनसे प्रेरणा लेने की अपील करते हुए ‘माई विलेज कोरोना फ्री’ पहल की घोषणा की।

देशमुख (21) घाटने गांव के सरपंच हैं और यहां की कुल आबादी 1,500 है। गांव में मार्च 2020 से लेकर मार्च 2021 तक संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया।

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन अप्रैल के पहले सप्ताह में कोविड-19 के दो मामले थे और दोनों ही मरीजों की मौत हो गई। इससे लोग काफी घबरा गए और कई लोग अपना घर छोड़कर खेतों में रहने चले गए।’’

देशमुख ने कहा कि इस स्थिति में उन्होंने तैयारी के लिए सभी संबंधित पक्षों से बातचीत की और कोविड-19 के खिलाफ जागरूकता अभियान शुरू कर दिया।

देशमुख ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, ‘‘ मेरा मंत्र आत्मविश्वास के नजरिए को अपनाना था ताकि हम गांव को कोविड-19 मुक्त रख सकें।’’

इन प्रयासों के बारे में बताते हुए सरपंच ने कहा कि वह और उनकी टीम ने संपर्क, जांच, उपचार, टीकाकरण और कोविड-19 से बचाव के लिए उचित व्यवहार जैसे बिंदु का इस्तेमाल करते हुए कार्यक्रम तैयार किया। इस संबंध में आशा कार्यकर्ताओं की मदद ली गई और वे घर-घर जाकर लोगों के ऑक्सीजन स्तर और शरीर के तापमान को दर्ज करने लगीं। इस जांच में जिन लोगों का ऑक्सीजन स्तर 92 से कम पाया गया, उन्हें गांव से चार किलोमीटर दूर मोहोल तालुका के या तो पृथकवास केंद्र भेज दिया गया या कोविड-19 केंद्र भेजा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘ 15 अप्रैल से हमारे गांव में कोविड-19 के 15 मामले सामने आए और जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई। गांव अब कोविड-19 मुक्त है लेकिन आशा कार्यकर्ताओं की मदद से अभियान जारी है।’’

जब उनसे मुख्यमंत्री द्वारा की गई प्रशंसा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री ने भले ही अपने संबोधन में मेरा नाम लिया हो लेकिन स्थानीय राजनीतिक विरोध तो है ही। राज्य स्तर पर या गांव स्तर पर राजनीतिक विरोध में कोई अंतर नहीं है।’’

भाषा स्नेहा माधव

माधव

 

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