गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में तेल नदी के किनारे बसे 15 गांव के 400 किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट खडा हो गया है, ये किसान अब मजदूर बनने के कगार पर पहुंच चुके है, किसानों के पास अब खेती करने लायक जमीन नहीं बची, किसानों की जमीन का तेल नदी के बहाव में कटाव हो चुका है, उनकी जमीन अब नदी की शक्ल में तब्दील हो चुकी है।
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सबसे ज्यादा नुकसान करचिया गांव के किसानों को हुआ है, यहां के लगभग सौ किसानों की सवा सौ एकड़ जमीन का कटाव हो चुका है, ग्रामीणों के मुताबिक पिछले 10 साल से जमीन का कटाव जारी है, इसको रोकने और मुवावजे के लिए उन्होंने कई बार राजस्व विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया मगर उनकी बात को हमेशा अनसुना कर दिया गया।
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किसानों ने बताया कि अब उनके पास खेती करने लायक जमीन नही बची, जिसके चलते उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर हो चुकी है, कुछ किसान तो दुसरे प्रदेशों में पलायन तक करने पर मजबूर हैं, वही राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कटाव होने की बात स्वीकार कर रहे है, साथ ही ऐसी स्थिति में शासन द्वारा किसानों को कई प्रकार की सुविधाएं मिलने का दावा भी कर रहे हैं, मगर गरियाबंद के इन किसानों को 10 साल में भी इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया।
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