कोरोना वायरस से लड़ने में मध्य प्रदेश में अपनाई गई रणनीति को प्रधानमंत्री ने सराहा : राज्य सरकार

कोरोना वायरस से लड़ने में मध्य प्रदेश में अपनाई गई रणनीति को प्रधानमंत्री ने सराहा : राज्य सरकार

कोरोना वायरस से लड़ने में मध्य प्रदेश में अपनाई गई रणनीति को प्रधानमंत्री ने सराहा : राज्य सरकार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:38 pm IST
Published Date: May 20, 2021 10:38 am IST

भोपाल, 20 मई (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस के विरूद्ध लड़ाई में जो रणनीति मध्य प्रदेश में अपनाई गई, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सराहा है और अन्य राज्यों को इसका अनुसरण करने के लिये भी कहा है।

मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘कोरोना वायरस संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिये राज्य शासन द्वारा जन-भागीदारी के साथ चलाये गये अभियानों एवं नवाचारों के सु-परिणामों से एक बार फिर मध्य प्रदेश पूरे देश में मॉडल बन कर उभरा है। कोरोना वायरस जैसे अदृश्य शत्रु से लड़ने में जो रणनीति मध्यप्रदेश में अपनाई गई, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सराहा है और अन्य राज्यों को इसका अनुसरण करने के लिये भी कहा है।’’

उसने कहा कि आज की स्थिति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के नियंत्रण एवं प्रबंधन के लिये किये जा रहे नवाचारों तथा प्रदेश में जन-सहयोग से हो रहे समन्वित प्रयासों से कोरोना संक्रमण की स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है।

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बयान के अनुसार मध्य प्रदेश की कोरोना वायरस की संक्रमण दर एक मई को 20.3 प्रतिशत थी, और आज 19 मई को घटकर 6.96 प्रतिशत हो गई है। उपचाररत मरीजों की संख्या के हिसाब से मध्य प्रदेश 21 अप्रैल को देश में सातवें नंबर पर था। आज की स्थिति में बेहतर सुधार के साथ वह 15 वें नंबर पर आ गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस जैसी घातक बीमारी से एक जुट होकर जो लड़ाई लड़ी गई उसमें सभी वर्गों की सहभागिता रही है। यह कार्य अकेले शासन स्तर पर नहीं किया जा सकता था। इस बात को ध्यान में रखते हुए अनेक ऐसे कार्यक्रम और नवाचार किये गये जिससे समाज के हर वर्ग ने सक्रिय भूमिका निभाई। इसी का परिणाम है कि हम प्रदेश में संक्रमण की चेन को तोड़ने में सफल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा निरंतर बढ़ाई गई उपचार की व्यवस्थाओं में समाज सेवी संगठन भी स्व-प्रेरणा से सहयोग के लिये आगे आये तथा अनेक जिलों में सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सर्व सुविधायुक्त कोविड देखभाल केन्द्र बन कर तैयार हुए। चौहान के अनुसार वे साथ ही कई जिलों में ऑक्सीजन सांद्रक जैसे जीवनदायी उपकरण भी उपलब्ध करवाये गये।

बयान के अनुसार प्रदेश में ‘मैं भी कोरोना वॉलेंटियर्स’ अभियान ने जन-आंदोलन का रूप ले लिया। देखते ही देखते एक लाख से अधिक कोरोना वॉलेंटियर्स स्व-प्रेरणा से काम करने आगे आये। इन्होंने शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जिस जिम्मेदारी के साथ अपना दायित्व निभाया है, वह तारीफे काबिल है।

प्रदेश की अधिकांश ग्राम पंचायतों ने स्व-प्रेरणा से निर्णय लेकर सभी गाँवों में जनता कर्फ्यू लगाया। ग्रामीणों द्वारा लिये गये इस महत्वपूर्ण संकल्प से अनेक गॉव ऐसे हैं, जिनमें कोरोना प्रवेश ही नहीं कर पाया।

उपचार की व्यवस्थाओं के साथ राज्य सरकार ने दिन प्रति दिन कोरोना जांच के प्रतिशत को भी बढ़ाया। 18 मई को रिकार्ड 72,756 जांच किये गये। एग्रेसिव टेस्टिंग के लिये शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल टेस्टिंग यूनिट भी कार्य कर रही है। साथ ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाये जा रहे किल कोरोना अभियान-3 में घर-घर जाकर सर्वे का कार्य किया जा रहा है।

भाषा रावत

राजकुमार

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