बलिया (उप्र), 21 दिसंबर (भाषा) प्राकृतिक रंगों से ‘भगवद्गीता’ पर आधारित ‘मोक्ष का पेड़’ नामक चित्र बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाली नेहा सिंह को इस रिकॉर्ड के लिए अपनी सभी पेंटिंग बेचनी पड़ी।
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नेहा ने बताया कि उन्हें नौवीं बार अपने प्रयास में सफलता मिली। गिनीज से अनुमोदन मिलने के बाद उन्होंने इस साल काम शुरू किया था।
नेहा ने कहा, ”पेंटिंग बनाने में इस्तेमाल होने वाला रोल और रंग बहुत मंहगा है, इस कारण मुझे अपनी पहले की सभी पेंटिग बेचनी पड़ी, क्योंकि मैं परिवार से आर्थिक सहयोग नहीं लेना चाहती थी।”
नेहा से पहले यह रिकॉर्ड भारत के ही आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की रहनेवाली श्रेया तातिनेनी के नाम था।
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सूचना विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार श्रेया ने 29 सितंबर, 2019 को 588.56 वर्ग फुट में प्राकृतिक रंगों से पेंटिंग बनाई थी, जबकि नेहा ने 675.36 वर्ग फुट की पेंटिंग बनाई है।
नेहा ने प्राकृतिक रंगों से भगवद्गीता के 18 अध्यायों को, पेड़ की 18 शाखाओं में सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया।
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बलिया जिले के रसड़ा तहसील के डेहरी गांव की रहने वाली नेहा इसके पूर्व भी कुछ रिकॉर्ड बना चुकी है। नेहा का पहला रिकॉर्ड 16 लाख मोतियों से 10 गुणा 11 फुट का भारत का नक्शा ‘वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ इंडिया’ में दर्ज है।