भोपाल। मध्यदेश में बिजली कर्मचारियों के यूनाइटेड फोरम ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। फोरम का कहना है कि शिवराज ने सीएम रहते हुए कभी मिलने का वक्त नहीं दिया। IAS अफसरों ने हमेशा शॉर्ट टर्म और कामचलाऊ प्लान बनाया। फोरम का कहना है कि पिछले 10 सालों से अप्रशिक्षित और अक्षम अमले से काम लिया गया है।
फोरम के अधिकारियों ने सीएम कमलनाथ से मिलने का समय मांगा है। बता दें कि शहर की बिजली सप्लाई और मेंटेनेंस व्यवस्था 75 फीसदी अप्रशिक्षित हाथों में हैं, जो काम कर हैं वे आउटसोर्स कर्मचारी हैं। इनके पास मैदानी स्तर पर काम करने का तकनीकी प्रशिक्षण नहीं है। बिजली की स्थिति यह है कि प्री-मानसून मेंटेनेंस पिछड़ गया है।
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मप्र यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लाई एंड इंजीनियर्स के संयोजक व मप्र पावर मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भोपाल के डीई वीकेएस परिहार ने ऐसे में अनुभवी कर्मचारियों के नहीं होने व आउटसोर्स कर्मचारियों के पास तकनीकी प्रशिक्षिण नहीं होने की बात मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर बताई है।
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