यूपी में बन रहा बांध, राजनीतिक भूचाल छत्तीसगढ़ में, जानिए क्या है मामला | Watch Video :

यूपी में बन रहा बांध, राजनीतिक भूचाल छत्तीसगढ़ में, जानिए क्या है मामला

यूपी में बन रहा बांध, राजनीतिक भूचाल छत्तीसगढ़ में, जानिए क्या है मामला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : June 5, 2018/10:02 am IST

अंबिकापुर। उत्तरी छत्तीसगढ़ की सीमा पर उत्तर प्रदेश के अमवार गांव में बन रहे एक बांध ने सरगुजा की राजनीति में भूचाल ला दिया है। कन्हर नदी पर बन रहे इस बांध की ऊंचाई को लेकर विवाद शुरू हो गया है। स्थानीय विधायक ने आरोप लगाया है कि बांध की ऊंचाई को बढ़ाया जा रहा है और जनता को गुमराह करने के लिए ऊंचाई कम बताई जा रही है। वहीं स्थानीय गांव से राज्यसभा सांसद ने इन आरोपों का खंडन किया है।

खास बात ये है कि उत्तर प्रदेश के अधिकारी भी यह कह रहे हैं कि बांध की ऊंचाई में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन स्थानीय विधायक इन आरोपों को लेकर आंदोलन की राह पर हैं और इस वजह से रामानुजगंज में स्थिति तनाव में दिख रही है।

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उत्तर प्रदेश के अमवार गांव में बन रहा ये बांध छत्तीसगढ़ से निकलने वाली कन्हर नदी पर बन रहा है। उत्तरी छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की सीमा से सटा ये गांव रामानुजगंज विधानसभा के अंतर्गत है। वर्ष 1976 में 27 करोड़ की लागत से बनने वाले इस बांध की लागत वर्तमान में 2700 करोड़ है और इससे उत्तर प्रदेश की सिंचाई सुविधा में काफी फायदा होने का अनुमान है। फिलहाल किए गए सर्वे में छत्तीसगढ़ के छः गांव डूबान एरिया में बताए गए हैं। लेकिन स्थानीय विधायक का आरोप है कि दिए गए आंकड़े गलत हैं और उत्तर प्रदेश सरकार जानकारी को छिपाते हुए बांध की ऊंचाई बढ़ा रही है जिससे छः नहीं बल्कि दो दर्जन गांव डूबेंगे।

विधायक के आरोपों ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और जिन गांवों के नाम विधायक बता रहे हैं उन गांवों के लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। स्थिति बिगड़ती देख क्षेत्र के पूर्व विधायक और वर्तमान राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम और बलरामपुर जिले के प्रभारी मंत्री भइया लाल रजवाड़े ने कन्हर बांध का निरीक्षण लिया और विधायक के आरोपों के बारे में अधिकारियों से जानकारी मांगी।

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कन्हर बांध के इंजीनियरों ने कहा है कि वो ऊंचाई में कोई परिवर्तन नहीं कर रहे हैं। इस बात के सामने आने पर अब भाजपा कांग्रेस के विधायक को देशद्रोही बता रही है। 1976 में एन तिवारी की सरकार ने इस बांध की आधारशिला रखी थी और तब इस बांध की ऊंचाई 39.9 मीटर रखी ग थी। बांध के अधिकारियों की मानें तो अभी भी इस बांध की ऊंचाई इतनी ही रखी गई है।

16 गेट वाले इस बांध को 2019 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और छत्तीसगढ़ की 273 हेक्टेयर डूबान जमीन के बदले 72 करोड़ रूपए का मुआवजा भी दिया है। लेकिन चुनाव के पहले ये बांध एक मुद्दा बन गया है और इसमें सच और झूठ का समावेश के कारण जनता के लिए ये परेशानी का सबब बना हुआ है।

वेब डेस्क, IBC24