अथक परिश्रम का मिला फल ,दृष्टि सनोडिया, सिवनी | IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2019,drishti sanodiya,seoni, madhya pradesh

अथक परिश्रम का मिला फल ,दृष्टि सनोडिया, सिवनी

अथक परिश्रम का मिला फल ,दृष्टि सनोडिया, सिवनी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 04:28 AM IST, Published Date : August 7, 2019/1:58 pm IST

मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाते हुए उसने केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया। यहां हम बात कर रहे हैं, सिवनी जिला टॉपर दृष्टि की। दृष्टि ने सच्ची लगन से पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल किया है। पढ़ाई को लेकर जब भी वह परेशान होती थी तो उसकी मां उसे प्रोत्साहित करती रहीं।

सिवनी की दृष्टि सनोडिया ने मध्यप्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं की परीक्षा में 500 में से 479 (95.8 प्रतिशत) अंक लेकर कला संकाय से बालिका वर्ग में प्रदेश में पहला स्थान हासिल कर प्रदेश में सबसे पिछड़ा जिला कहे जाने वाले सिवनी के साथ-साथ प्रदेश का नाम रोशन किया। सिवनी जिले के डूंडा सिवनी इलाके में रहने वाली दृष्टि सनोढ़िया ने बिना किसी कोचिंग के 6 से 7 घंटे पढ़ाई कर ये कामयाबी हासिल की है। दृष्टि का सपना है कि वह पढ़लिख कर कलेक्टर बने और अपने माता-पिता का सहारा बने। जिले के दिलबाग नगर में रहने वाली यह बेटी मध्यमवर्गीय परिवार से आती है। उसने सच्ची लगन से पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल किया है। दृष्टि ने बगैर किसी कोचिंग के उत्कृष्ट स्कूल में पढ़ाई करते हुए अलग से 6 से 7 घंटे पढ़ाई कर ये कामयाबी हासिल की है। दृष्टि का कहना है कि मोबाइल और सोशल मीडिया से दूरी बनाते हुए उसने केवल अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया। दृष्टि के पिता शिव शंकर सनोडिया टीचर है और मां सरला हाउस वाइफ हैं। दृष्टि की बहन सृष्टि भी पढ़ाई में तेज है। पिता शिवशंकर और मां सरला अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए हमेशा फिक्रमंद रहते हैं। दृष्टि स्कूल शिक्षक भी मानते हैं कि दृष्टि शुरू से पढ़ाई में तेज थी। दृष्टि को पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी पसंद है। पढ़ाई करने के बाद दृष्टि को बैडमिंटन और टेबल टेनिस खेलने का शौक है। पिता शिवशंकर अपनी दोनों बेटियों को बेटों से कम नहीं मानते। मां सरला सनोडिया कहती है दृष्टि अपनी पढ़ाई को लेकर अक्सर परेशान हो जाती थी लेकिन उन्होंने हमेशा उसे प्रोत्साहित किया। बड़ी बहन सृष्टि अपनी बहन को अपना दोस्त मानती है, सृष्टि का कहना है कि दृष्टि हर रोज टाइम पर पढ़ाई करती थी और उसे उसकी मेहनत का फल मिला है।

 
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