Big change in banking rules: 'Positive Pay System' will be applicable

बैंकिग नियमों में बड़ा बदलावः इस तारीख से लागू होगा ‘पॉजिटिव पे सिस्टम’, जानें आप पर कैसे पड़ेगा प्रभाव

बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के ग्राहक हैं तो यह खबर आपके काम की है। 1 अगस्त से बैंक में चेक जमा करने के तरीके के बड़े बदलाव किए जा रहे हैं।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : July 27, 2022/2:56 pm IST

Bank of Baroda Rules Changed: अगर आप बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के ग्राहक हैं तो यह खबर आपके काम की है। 1 अगस्त से बैंक में चेक जमा करने के तरीके के बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा बनाए गए नियमों के बाद अब बैंक चेक पेमेंट के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (BOB Positive Pay System) लागू करने जा रहा हैं। ऐसे में अगर आप 1 अगस्त 2022 के बाद चेक जारी करते हैं तो इसका डिजिटली क्रॉस वेरीफाई करना जरूरी होगा।〈 >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP  ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<

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इन बैंकों ने लागू किया यह सिस्टम
आपको बता दें कि इससे पहले देश के कई बैंकों ने पॉजिटिव पे सिस्टम को अपने यहां लागू किया है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), एक्सिस बैंक (Axis Bank) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) शामिल है।

बैंक ने ट्वीट कर दी जानकारी 
बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से इस मामले पर ट्वीट करके जानकारी दी है, ‘हम आपकी बैंकिंग सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। पॉजिटिव पे सिस्टम (BOB Positive Pay System) के जरिए हम आपको चेक फ्रॉड से सुरक्षित रखना चाहते हैं। 5 लाख रुपये से अधिक के चेक पर आपको इसे डिजिटल कंफर्म करना होगा ताकि आप किसी फ्रॉड के शिकार न हो जाए।

 

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इस तरह दें चेक के डिटेल्स
अब अगर आप 5 लाख रुपये से अधिक का चेक जारी करते हैं तो 1 अगस्त के बाद उसका पॉजिटिव पे सिस्टम (Positive Pay System) जरूरी होगा। इसके बिना अब चेक पेमेंट नहीं किया जा सकेगा। 5 लाख से अधिक के चेक पेमेंट (Cheque Payment) पर आपको इसकी जानकारी बैंक को देनी होगी। इस जानकारी को क्लीयरेंस देने से पहले क्रॉस वेरीफाई किया जाएगा। अगर चेक में दर्ज जानकारी और डिजिटल जानकारी मिल-जुलती नहीं होती है तो आपका क्लियर नहीं होगा।

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आप SMS , एटीएम, इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking) और मोबाइल बैंकिंग (Mobile Banking) के द्वारा बेनेफिशियरी का नाम, अकाउंट नंबर, अमाउंट,चेक नंबर आदि को दर्ज करें।  इसके बाद बैंक चेक क्लियर करने से पहले इस सभी जानकारी क्रॉस वेरीफाई करेगा और इसके बाद चेक क्लियर किया जाएगा। इस प्रोसेस से चेक संबंधी फ्रॉड को रोकने में मदद मिलेगी।

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