लखनऊ 24 अगस्त (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन के साथ गिरफ्तार उसके साथी आलम उर्फ मोहम्मद आलम केा सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
अदालत ने इस संबंध में मंगलवार को आदेश पारित किया और फैसले की प्रति बुधवार को वेबसाइट पर अपलोड की गई।
आलम अपनी कैब से सिद्दीक कप्पन को सामूहिक दुष्कर्म की एक पीड़िता के परिजनों से मिलाने के लिए हाथरस ले जा रहा था, लेकिन मथुरा के मांठ थाना क्षेत्र में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
अदालत ने कहा कि वर्तमान अभियुक्त का मामला अभियुक्त सिद्दीक कप्पन के मामले से अलग है, जिसकी जमानत दो अगस्त 2022 को खारिज कर दी गयी थी।
यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने मोहम्मद आलम की अपील पर पारित किया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर जो भी तथ्य मौजूद हैं, उन्हें देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि अभियुक्त के खिलाफ लगाए गए आरोप सत्य हैं। अदालत ने आगे कहा कि प्रथम दृष्टया आतंकी अथवा देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता परिलक्षित नहीं होती।
अपील का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि अभियुक्त ने सवा दो लाख रुपये कार खरीदने के लिए लिया था, साथ ही यह भी कहा गया कि वह दिल्ली दंगे के अभियुक्त दानिश का रिश्तेदार है।
हालांकि, अदालत ने कहा कि अभियुक्त की ओर से इन दोनों आरोपों पर सफाई दी जा चुकी है कि सवा दो लाख रुपये उसने उधार लिए थे व दानिश के आपराधिक कृत्य से उसका कोई लेना देना नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पांच अक्टूबर 2020 को हाथरस, जहां एक दलित लड़की के साथ सामुहिक दुराचार की घटना घटित हुई थी, जाते समय सिद्दीक कप्पन के साथ आलम को भी गिरफ्तार किया गया था। उन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
भाषा सं जफर राजकुमार धीरज
धीरज
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