घोसी विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार समाप्त, भाजपा एवं सपा में सीधी लड़ाई की संभावना |

घोसी विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार समाप्त, भाजपा एवं सपा में सीधी लड़ाई की संभावना

घोसी विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार समाप्त, भाजपा एवं सपा में सीधी लड़ाई की संभावना

:   Modified Date:  September 3, 2023 / 07:43 PM IST, Published Date : September 3, 2023/7:43 pm IST

लखनऊ, तीन सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए रविवार शाम को प्रचार समाप्त हो गया और विभिन्न दलों के नेताओं ने मतदाताओं से अपने-अपने उम्मीदवारों को वोट देकर भारी मतों से चुनाव जिताने की अपील की।

एक अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव के लिए मतदान पांच सितंबर को सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा और मतों की गिनती आठ सितंबर को होगी।

घोसी सीट 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट से विजयी हुए प्रमुख ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) नेता दारा सिंह चौहान के हाल में भाजपा में शामिल होने और पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देने के कारण रिक्त हुई है। भाजपा ने उपचुनाव में दारा चौहान को ही अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके पहले दारा सिंह चौहान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व वाली (2017-2022) सरकार में वन मंत्री थे और उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा सरकार को दलितों-पिछड़ों का विरोधी बताते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देकर सपा की सदस्यता ग्रहण की थी।

भाजपा उम्मीदवार को राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल अपना दल (सोनेलाल), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) ने समर्थन दिया है।

विपक्षी दलों के समूह ‘इंडिया’ के गठन के बाद उसके एक घटक दल समाजवादी पार्टी (सपा) और भाजपा नीत राजग के बीच यह पहली चुनावी टक्कर हो रही है।

सपा ने सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा है। सुधाकर सिंह को कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल, भारतीय कम्‍युनिस्ट पार्टी (भाकपा), जनवादी सोशलिस्ट, अपना दल (कमेरावादी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन से समर्थन मिला है।

घोसी विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव विपक्षी दलों के समूह ‘इंडिया’ के गठन के बाद राज्य में होने वाला पहला चुनाव है, इसलिए इसे अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास भी माना जा रहा है। इस चुनाव में बसपा (बहुजन समाज पार्टी) ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। कुल 10 उम्मीदवारों के बीच यहां मुकाबला होना है जिसमें भाजपा और सपा उम्मीदवार के बीच सीधी लड़ाई के आसार दिख रहे हैं।

अनुमान के मुताबिक, घोसी में 4.37 लाख मतदाताओं में से 90,000 मुस्लिम, 60,000 दलित और 77,000 ‘उच्च जाति’ से हैं जिनमें 45,000 भूमिहार, 16,000 राजपूत और 6,000 ब्राह्मण हैं।

इससे पहले रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने घोसी विधानसभा उपचुनाव के मतदाताओं से उनकी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करने और ‘विधायकों को खरीदने वाली भाजपा को सबक सिखाने’ की अपील की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक वीडियो संदेश में मतदाताओं से वोट डालने का आग्रह करते हुए कहा, ”पहले मतदान, फिर जलपान’।’

इस बीच, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने रविवार को सुधाकर सिंह (घोसी विधानसभा क्षेत्र से सपा उम्मीदवार) के बेटे व पूर्व ब्लाक प्रमुख सुजीत सिंह पर कुर्थीजाफरपुर पुलिस चौकी पर तैनात एक पुलिसकर्मी को कथित तौर पर धमकी देने का आरोप लगाया।

पाठक ने लखनऊ में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”घोसी से सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह के बेटे सुजीत सिंह ने कुर्थीजाफरपुर पुलिस चौकी पर तैनात एक सिपाही को फोन कर धमकी देते हुए कहा कि ‘तुम समाजवादी पार्टी के पक्ष में काम नहीं कर रहे हो। तुम यादव समुदाय से हो। तुम्हारे पुलिस चौकी प्रभारी जो दलित समुदाय से हैं, को मैं जूतों से पीटूंगा’ ।”

उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (घोसी उपचुनाव में) पूरी तरह से ‘‘अराजकता और गुंडागर्दी पर उतर आई है।’’

पाठक ने कहा, ‘अपनी (संभावित) हार से बौखलाई समाजवादी पार्टी किसी भी प्रकार की हिंसा का सहारा ले सकती है।’

इस बीच, मऊ से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, जिले की पुलिस ने पिछली 31 अगस्त को मिली एक ऑडियो क्लिप के आधार पर कोपागंज थाने में सुजीत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ऑडियो क्लिप में वह पुलिस कांस्टेबल योगेश कुमार यादव को कथित तौर पर धमकी देते सुनाई दे रहे हैं।

घोसी के पुलिस क्षेत्राधिकारी शीतला प्रसाद पांडेय ने बताया कि सुजीत सिंह के खिलाफ शनिवार रात धारा 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा डालना), 169 (लोक सेवक द्वारा गैरकानूनी तरीके से संपत्ति खरीदना या बोली लगाना), धारा 322 (जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाना), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना) और 171 सी (चुनावों पर अनुचित प्रभाव डालना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

इसके पहले शनिवार को, भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान के लिए प्रचार करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘अगर कोई सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भटका हुआ नहीं कहते।’

चौहान सपा में रहने के बाद भाजपा में लौट आए है।

आदित्यनाथ ने यह भी कहा था कि घोसी के महत्व को केवल वही लोग समझ सकते हैं जिन्होंने 2005 के मऊ दंगों को देखा था। उन्होंने गैंगस्टर से नेता बने मऊ से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘उस समय, सपा सत्ता में थी और वह कुछ नहीं कर सकी। अब, जिन्होंने दंगे भड़काए, वे व्हीलचेयर पर अपनी जान की भीख मांगते नजर आ रहे हैं।’

सपा प्रमुख यादव ने 29 अगस्त को अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार करते हुए कहा था कि घोसी विधानसभा उपचुनाव के नतीजे देश की राजनीति में बदलाव लाएंगे।

उन्होंने आशंका जताई कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) फिर से केंद्र में सत्ता में आता है, तो ‘आप और हम भविष्य में वोट नहीं कर सकते।”

उपचुनाव के लिए प्रचार अभियान में उस समय एक अप्रिय क्षण भी देखा गया, जब 20 अगस्त को दारा सिंह चौहान पर चुनाव प्रचार के दौरान एक युवक ने स्याही फेंक दी। यह घटना तब हुई जब कोपागंज ब्लॉक स्थित एक कॉलेज में एक सार्वजनिक बैठक में भाग लेने के बाद अदरी चट्टी पर पार्टी समर्थकों द्वारा चौहान का स्वागत किया जा रहा था।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा था कि मोनू यादव नाम के एक व्यक्ति ने चौहान के चेहरे और कपड़ों पर काली स्याही फेंकी। मोनू ने अगले दिन पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

बहरहाल, उपचुनाव का भाजपा सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिसे 403 सदस्यीय सदन में पूर्ण बहुमत प्राप्त है, लेकिन इसका परिणाम महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अगले साल के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहा है और यह भविष्य का संकेत देने वाला साबित हो सकता है।

भाषा आनन्द सुभाष सिम्मी

सिम्मी

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)