मौर्य के बयान से अखिलेश यादव सहमत नहीं हैं तो उन्हें पार्टी से बर्खास्त करें : केशव मौर्य |

मौर्य के बयान से अखिलेश यादव सहमत नहीं हैं तो उन्हें पार्टी से बर्खास्त करें : केशव मौर्य

मौर्य के बयान से अखिलेश यादव सहमत नहीं हैं तो उन्हें पार्टी से बर्खास्त करें : केशव मौर्य

:   Modified Date:  January 24, 2023 / 05:12 PM IST, Published Date : January 24, 2023/5:12 pm IST

लखनऊ, 24 जनवरी (भाषा) उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को श्रीरामचरितमानस को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को चुनौती दी कि वह स्पष्ट करें कि इस बयान का विरोध करते हैं या समर्थन और अगर विरोध करते हैं तो उन्हें स्‍वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से बर्खास्त कर देना चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा मुस्लिम तुष्टीकरण की घटिया राजनीति कर रही है, विशेष रूप से हिंदू भावनाओं को आहत करने का बयान दिलाने का काम कर रही है।

स्‍वामी प्रसाद का नाम लिए बिना केशव मौर्य ने कहा कि कई घाटों का पानी पीकर सपा में गये एक नये नवेले नेता, जिनकी पार्टी में कोई हैसियत भी नहीं है, उनका श्रीरामचरित मानस पर बयान देना, सपा के ही कुछ नेताओं से इसका विरोध कराना और अखिलेश यादव का चुप रहना सवाल खड़ा करता है।

उल्लेखनीय है कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था, ”रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है, यह ‘अधर्म’ है!”

स्‍वामी मौर्य ने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए जो किसी की जाति या ऐसे किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं ।

बहुजन समाज पार्टी छोड़कर 2016 में भाजपा में शामिल हुए प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गये थे।

मौर्य ने कुशीनगर जिले की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। हालांकि बाद में सपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया था।

श्रीरामचरितमानस पर स्‍वामी मौर्य का यह बयान आने के बाद सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव और विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय समेत कई नेताओं ने असहमति जताई।

केशव प्रसाद मौर्य ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा अब तक इस विषय पर कोई बयान न देने पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वे (अखिलेश यादव) यह कहते थकते नहीं कि हम राम और कृष्ण के वंशज हैं, लेकिन उनकी चुप्पी उप्र के माहौल को खराब करने का प्रयास है।

उप मुख्यमंत्री ने समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया का स्मरण करते हुए कहा कि लोहिया ने कहा था कि भगवान श्रीराम इस देश के कर्म, श्रीकृष्ण इस देश के हृदय और शिव इस देश के मस्तिष्क हैं और वे (यादव) अगर लोहिया को समाजवादी मानते हैं तो फिर ऐसे बयान का विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं।

केशव मौर्य ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने अयोध्या में राम भक्तों पर गोली चलवाकर सरयू नदी को लाल कर दिया था, जिससे सपा का असली चरित्र उजागर हुआ था।

उन्होंने कहा कि बिहार में जो कार्य लालू यादव की पार्टी के नेता कर रहे हैं, वही अखिलेश यादव की पार्टी के नेता यहां कर रहे हैं। स्‍वामी प्रसाद मौर्य के बयान की कड़ी निंदा करते हुए केशव ने कहा कि अखिलेश यादव उप्र की 25 करोड़ जनता को भ्रमित करने की बजाय मानस की चौपाइयों पर जो सवाल उठाए गए हैं, उस पर अपना रुख स्पष्ट करें।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की भाषा से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने दावा किया कि यह बयान स्‍वामी प्रसाद मौर्य का नहीं बल्कि अखिलेश यादव का है।

शिवपाल यादव को लेकर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि शिवपाल को श्रीरामचरितमानस पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है, क्या वह अयोध्या में राम भक्तों पर गोली चलवाना भूल गये हैं।

स्‍वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने पर उन्होंने कहा कि कानून सम्मत जो भी कार्रवाई होगी की जायेगी । उन्होंने कहा कि अगर अखिलेश यादव स्‍वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सहमत नहीं हैं, तो उन्हें (स्‍वामी प्रसाद मौर्य) पार्टी से बर्खास्त कर देना चाहिए।

भाषा आनन्द रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers