मुजफ्फरनगर (उप्र), दो मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की एक विशेष अदालत ने आठ वर्ष पुराने एक मामले में एक व्यक्ति को अपनी सौतेली बेटी से दुष्कर्म करने को दोषी करार देते हुए सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
विशेष शासकीय अधिवक्ता कुलदीप सिंह पुंडीर ने बताया कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) की विशेष अदालत के न्यायाधीश रितेश सचदेवा ने आरोपी मुस्तकीम (57) को अपनी 19 वर्षीय सौतेली बेटी से दुष्कर्म करने का दोषी ठहराते हुए सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई और 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
पुंडीर ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पीड़िता ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया था।
पुंडीर ने पीड़िता के हवाले से बताया कि 12 जून 2016 को शामली जिले के कांधला पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव में उसके सौतेले पिता ने घर में उससे दुष्कर्म किया और उसकी पिटाई की।
पीड़िता के मुताबिक, घटना की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर उसके सौतेले पिता के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया।
पुंडीर ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान पीड़िता की 2020 में बीमारी से मौत हो गयी थी।
भाषा सं आनन्द जितेंद्र
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