पाबंदियों में छूट देने पर चीन कोविड-19 महामारी के ‘भयावह प्रकोप’ का सामना कर सकता है: अध्ययन |

पाबंदियों में छूट देने पर चीन कोविड-19 महामारी के ‘भयावह प्रकोप’ का सामना कर सकता है: अध्ययन

पाबंदियों में छूट देने पर चीन कोविड-19 महामारी के ‘भयावह प्रकोप’ का सामना कर सकता है: अध्ययन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : November 28, 2021/8:21 pm IST

(केजेएम वर्मा)

बीजिंग, 28 नवंबर (भाषा) चीन के अधिकतर हिस्सों को दुनिया के लिए बंद रखा गया है क्योंकि एक नये अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि यदि वहां लगी पाबंदियों को हटा दिया जाता है तो उसे महामारी के ‘भयावह प्रकोप’ का सामना करना पड़ेगा और रोजाना संक्रमण के 6.30 लाख से अधिक मामले सामने आ सकते हैं।

पेकिंग विश्वविद्यालय के गणितज्ञों की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर चीन अन्य देशों की तरह यात्रा प्रतिबंध को हटा देता है और कोराना वायरस संक्रमण के प्रसार को कतई बर्दाश्त नहीं करने के रुख को छोड़ देता है तो देश में रोजाना 6,30,000 से अधिक मामले सामने आ सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘आकलन में खुलासा हुआ है कि भयावह प्रकोप की संभावना है, जिसका बोझ चिकित्सा प्रणाली नहीं उठा सकती।’’

चीन में शनिवार को कोविड-19 के 23 नये मामले सामने आए जिनमें से 20 मामले अन्य देशों से आए और बीजिंग सहित अन्य शहरों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। दुनिया के अन्य हिस्सों में महामारी शुरू होने से पहले चीन के वुहान शहर में वर्ष 2019 के अंत में कोविड का पहला मामला आया था। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, चीन में अबतक कोविड-19 के 98,631 मामले आए हैं जबकि 4,636 मरीजों की मौत हुई है। इस समय 785 मरीज उपचाराधीन हैं।

चीन के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र द्वारा चाइना सीडीसी साप्ताहिक में प्रकाशित खबर के मुताबिक पेकिंग विश्वविद्यालय के चार गणितज्ञों ने कहा है कि चीन बिना प्रभावी टीकाकरण और विशेष इलाज के सभी आने जाने वालों के लिए पृथकवास की व्यवस्था करने के लिए तैयार नहीं है।

मौजूदा समय में विदेश से चीन आने वालों को निर्धारित होटलों में 21 दिनों तक पृथकवास में रहना पड़ता है। अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल, स्पेन और फ्रांस के अगस्त से अबतक के आंकड़ों का विश्लेषण कर वैज्ञानिकों ने आकलन करने की कोशिश की कि चीन अगर इन देशों की तरह रणनीति अपनाए तो क्या प्रभाव पड़ेगा। अगस्त में इन सभी देशों में टीकाकरण की दर चीन से अधिक थी, साथ ही उच्च प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ चीन के मुकाबले कम जनसंख्या घनत्व था।

अनुसंधानकर्ताओं का आकलन है कि अगर चीन भी अमेरिका की रणनीति को महामारी से निपटने में अपनाता है तो दैनिक मामलों की संख्या 6,37,155 हो सकती है, जबकि अगस्त में 1,50,098 मामले रोजाना आ रहे थे।

चीन की आबादी के करीब 76.8 प्रतिशत हिस्से का टीकाकरण हो चुका है।

चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की एक खबर के मुताबिक कोविड-19 के नये स्वरूप ओमीक्रोन के बारे में चीनी विशेषज्ञों का मानना है कि इससे दशहत में आने की जरूरत नहीं है क्योंकि बड़ी संख्या में ‘म्यूटेशन’ आवश्यक रूप से उच्च संक्रामकता का संकेत नहीं देते हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि महामारी रोकथाम के सख्त एवं अनुभवी प्रणाली के जरिये वह अपने देश के निवासियों को वायरस के नये स्वरूप से रक्षा करने में सक्षम है।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अगर चीन ब्रिटेन और फ्रांस की रणनीति का अनुकरण करता है तो रोजाना क्रमश: 2,75,793 और 4,54,198 नए संक्रमण के मामले आ सकते हैं। हालांकि, अध्ययन में स्वीकार किया गया कि यह गणितीय गणना पर आधारित है और यात्रा प्रतिबंध हटाने के प्रभावों का आकलन करने के लिए कहीं जटिल और गतिशील मॉडल की जरूरत है।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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