जकार्ता, छह सितंबर (एपी) इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में बुधवार को दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के नेताओं के साथ बातचीत में चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और क्षेत्र के शीर्ष व्यापारिक भागीदार के रूप में अपने देश के महत्व को रेखांकित किया।
विवादित दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की आक्रामकता पर नये सिरे से जवाब देते हुए ली ने दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ चीन के मैत्रीपूर्ण संबंधों के लंबे इतिहास का हवाला दिया, जिसमें कोरोना वायरस महामारी का सामना करने के संयुक्त प्रयास और दोनों पक्षों द्वारा बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने का जिक्र किया गया।
ली ने कहा, ‘‘जब तक हम सही रास्ते पर चलते रहेंगे, चाहे कोई भी तूफान आए, चीन-आसियान सहयोग हमेशा की तरह दृढ़ रहेगा और सभी बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उथल-पुथल और परिवर्तन से भरी दुनिया में पूर्वी एशिया में शांति बनाए रखी है।’’
वहीं, दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रामकता का विरोध करते हुए दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के कुछ देशों ने बीजिंग द्वारा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जलक्षेत्र में विस्तारवादी नीति अपनाने का आरोप लगाया है।
एक नये चीनी मानचित्र को लेकर अन्य देशों के नेताओं ने विरोध जताया है। नेताओं का आरोप है कि यह मानचित्र बीजिंग द्वारा उनके तटीय जलक्षेत्र में अतिक्रमण को दिखाता है।
एपी
शफीक
देवेंद्र
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