मलेशिया के आईएनए सेनानियों के नजरिए से नेताजी के जीवन को दिखाता वृत्तचित्र |

मलेशिया के आईएनए सेनानियों के नजरिए से नेताजी के जीवन को दिखाता वृत्तचित्र

मलेशिया के आईएनए सेनानियों के नजरिए से नेताजी के जीवन को दिखाता वृत्तचित्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : January 24, 2022/11:13 pm IST

(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क, 24 जनवरी (भाषा) भारत में एक ओर जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई गई, वहीं आजाद हिन्द फौज (आईएनए) में शामिल रहे मलेशियाई सैनिकों के नजरिए से नेताजी के जीवन को दिखाने वाला एक वृत्तचित्र सामने आया।

मलेशिया में भारत के उच्चायुक्त रहे और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरुमूर्ति वृत्तचित्र में यह कहते सुनाई देते हैं, ‘‘यह फिल्म नेताजी, आजाद हिन्द फौज और झांसी की रानी रेजिमेंट को नेताजी के साथ मिलकर लड़ने वाले मलेशियाई सैनिकों की नजर से देखने का एक प्रयास है।’’

वर्ष 2018 में बना 30 मिनट का वृत्तचित्र ‘एट द अल्टर ऑफ इंडियाज फ्रीडम – आईएनए वेटरन्स ऑफ मलेशिया’ को पत्रकार चूड़ी शिवराम ने निर्देशित किया है और इसका निर्माण तिरुमूर्ति और मलेशिया में भारतीय उच्चायोग ने किया है।

तिरुमूर्ति ने वृत्तचित्र का लिंक साझा किया, जो अब नेताजी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में यूट्यूब पर उपलब्ध होगा।

वृत्तचित्र में आजाद हिन्द फौज में शामिल रहे भारतीय-मलेशियाई स्वतंत्रता सेनानियों ने युवा किशोर के रूप में खुद के नेताजी से प्रेरित होने और भारत से हजारों किलोमीटर दूर रहते हुए नेताजी के आह्वान पर देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में शामिल होने की अपनी यात्रा को याद किया है।

आजाद हिन्द फौज की झांसी की रानी रेजिमेंट में शामिल रहीं दातुक रसम्मा भूपालन ने याद किया, “जब नेताजी आए तो हम मंत्रमुग्ध हो गए। इससे वास्तव में पूरा परिदृश्य बदल गया।”

भूपालन ने यह भी याद किया कि जब उनकी मां को पता चला कि वह झांसी की रानी रेजिमेंट में शामिल होने जा रही हैं, तो उनकी मां हैरान रह गईं।

नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक में हुआ था और भारत में उनकी जयंती कल पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई।

भाषा नेत्रपाल अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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