खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर हत्या मामले में कनाडा में चौथा भारतीय नागरिक गिरफ्तार |

खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर हत्या मामले में कनाडा में चौथा भारतीय नागरिक गिरफ्तार

खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर हत्या मामले में कनाडा में चौथा भारतीय नागरिक गिरफ्तार

:   Modified Date:  May 12, 2024 / 10:49 AM IST, Published Date : May 12, 2024/10:49 am IST

(तस्वीर सहित)

(ललित के झा)

वाशिंगटन/ओटावा, 12 मई (भाषा) खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कनाडा के अधिकारियों ने एक और भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया है। इसी के साथ इस मामले में अब तक गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिकों की संख्या चार हो गई है।

कनाडा के सरे निवासी अमनदीप सिंह (22) पर हत्या और हत्या की साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं।

निज्जर (45) की 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी।

कनाडाई पुलिस की ‘इंटीग्रेटेड होमिसाइड इंवेस्टिगेशन टीम’ (आईएचआईटी) ने बताया कि निज्जर की हत्या में सिंह की भूमिका के लिए उसे 11 मई को गिरफ्तार किया गया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि वह एक अन्य मामले में पील क्षेत्रीय पुलिस की हिरासत में था।

आईएचआईटी के प्रभारी अधिकारी मनदीप मूकर ने कहा, ‘‘यह गिरफ्तारी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने वालों को जिम्मेदार ठहराने के लिए जारी हमारी जांच की प्रकृति को दर्शाती है।’’

पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘आईएचआईटी ने सबूत एकत्रित किए और अमनदीप सिंह पर हत्या और हत्या की साजिश के आरोपों के समर्थन में पर्याप्त सूचना प्राप्त की।’’

जांचकर्ताओं ने कहा कि जांच जारी रहने और अदालती प्रक्रियाओं के कारण इस मामले में गिरफ्तारी की और कोई जानकारी नहीं दी जा सकती है।

आईएचआईटी के जांचकर्ताओं ने इस मामले में तीन भारतीय नागरिकों – करण बराड़ (22), कमलप्रीत सिंह (22) और करणप्रीत सिंह (28) को तीन मई को गिरफ्तार किया था।

ये तीनों आरोपी एडमॉन्टन के रहने वाले हैं और उन पर हत्या और हत्या की साजिश रचने के आरोप हैं।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल सितंबर में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के आरोप लगाए थे जिसके बाद भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया है।

भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका और प्रेरित’’ बताकर खारिज किया है।

कनाडा में सिख अलगाववादी समूहों की मौजूदगी पर भारत लंबे समय से आपत्ति जताता रहा है। उसने निज्जर को ‘‘आतंकवादी’’ घोषित किया था।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि खालिस्तानी अलगाववादी तत्वों को राजनीतिक प्रश्रय देकर कनाडा सरकार यह संदेश दे रही है कि उसका वोट बैंक कानून के शासन से ‘अधिक शक्तिशाली’ है।

जयशंकर ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई’ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा था कि भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान और पालन करता है, लेकिन इसका मतलब विदेशी राजनयिकों को धमकाने, अलगाववाद को समर्थन देने या हिंसा की वकालत करने वाले तत्वों को राजनीतिक प्रश्रय देने की स्वतंत्रता नहीं है।

पंजाब के सिख प्रवासियों के बीच खालिस्तान समर्थकों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले लोगों को कनाडा में प्रवेश करने और रहने की अनुमति कैसे दी जा रही है।

उन्होंने कहा था, ‘किसी भी नियम-आधारित समाज में आप लोगों की पृष्ठभूमि, वे कैसे आए, उनके पास कौन सा पासपोर्ट था, आदि चीजों की जांच करेंगे।’

विदेश मंत्री ने कहा था, ‘अगर आपके यहां ऐसे लोग हैं जो संदिग्ध दस्तावेजों के आधार पर वहां मौजूद हैं, तो यह आपके बारे में क्या कहता है? यह वास्तव में कहता है कि आपका वोट बैंक आपके कानून के शासन से अधिक शक्तिशाली है।’

भाषा गोला शोभना

शोभना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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