कोलंबो, 11 अप्रैल (भाषा) श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को अभूतपूर्व आर्थिक कठिनाइयों से पीड़ित लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार उनके संकटों को दूर करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है और प्रदर्शनकारियों से अपना आंदोलन समाप्त करने की अपील करते हुए कहा कि सड़कों पर बिताया गया हर मिनट देश को कीमती डॉलर से वंचित करता है।
द्वीपीय राष्ट्र में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बाद पद छोड़ने के लिए उन पर बढ़ते दबाव के बीच, प्रधानमंत्री ने आंदोलनकारियों को शांत करने के लिए राष्ट्र को संबोधित किया। लंबे समय से बिजली की कटौती और गैस, भोजन और अन्य सामानों की कमी से जूझ रहे लोग सड़कों पर विरोध कर रहे हैं।
राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बड़े भाई महिंदा ने कहा, “सरकार आर्थिक संकट से उबरने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है।”
उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपने सरकार विरोधी आंदोलन को समाप्त करने की भी अपील की और कहा कि सड़कों पर बिताया गया हर मिनट देश को डॉलर की आमद से वंचित करता है।
प्रधानमंत्री का संबोधन विपक्ष के नेता सजित प्रेमदासा द्वारा यह आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद आया है कि सरकार की खराब आर्थिक नीतियों ने देश की आर्थिक मंदी में योगदान दिया था।
उन्होंने कहा कि दवा, दूध पाउडर, चावल, चीनी, दाल, गेहूं का आटा और गैस, डीजल, मिट्टी के तेल और पेट्रोल जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के कारण देश में हालात बद् से बद्तर होते जा रहे हैं।
विपक्ष के नेता ने कहा कि लोगों ने राष्ट्रपति राजपक्षे को अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय दिया, विशेष रूप से जीवन यापन की बढ़ती लागत को कम करने के लिए, लेकिन न तो राष्ट्रपति और न ही उनके कैबिनेट मंत्री उनकी मांगों को पूरा करने में सक्षम हो सके।
देश में शनिवार से शुरू हुआ सरकार विरोधी प्रदर्शन सोमवार को तीसरे दिन भी जारी रहा।
भाषा
प्रशांत नरेश
नरेश
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