बुर्किना फासो में सैन्य अड्डे पर भारी गोलीबारी |

बुर्किना फासो में सैन्य अड्डे पर भारी गोलीबारी

बुर्किना फासो में सैन्य अड्डे पर भारी गोलीबारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : January 23, 2022/8:09 pm IST

औगाडोउगोउ, 23 जनवरी (एपी) बुर्किना फासो की राजधानी औगाडोउगोउ में एक सैन्य अड्डे पर रविवार तड़के भारी गोलीबारी हुई। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि देश में इस्लामी चरमपंथ से सरकार के निपटने के तौर-तरीकों को लेकर हफ्तों से बढ़ते असंतोष के बाद तख्तापलट की कोशिश की जा रही है।

सरकार ने एक बयान में सेना के बैरक में गोलीबारी होने की बात स्वीकार की है, लेकिन देश पर सेना के कब्जा कर लेने से इनकार किया है। रक्षा मंत्री एमी बर्थेलेमी सिम्पोर के मुताबिक, राष्ट्रपति रोच मार्क क्रिश्चियन काबोर को हिरासत में नहीं लिया गया है।

सरकारी प्रसारणकर्ता आरटीबी ने अपनी एक प्रमुख खबर में गोलीबारी को ‘सैनिकों द्वारा असंतोष प्रकट करने का कृत्य’ बताया।

खबर में कहा गया है, ‘‘सेना के उच्च अधिकारी बैरक में शांति बहाल करने पर काम कर रहे हैं। कुछ सूचना के उलट, गणराज्य की किसी भी संस्था को निशाना नहीं बनाया गया है।’’

लामीजाना सांगौले सैन्य बैरक, रविवार तड़के सैनिकों के विद्रोह करने के बावजूद नियंत्रण में है। गुस्साये सैनिकों ने हवा में गोलीबारी की, जो राष्ट्रपति के खिलाफ उनके रोष को प्रदर्शित कर रही थी।

सैनिकों की ओर से एक व्यक्ति ने फोन पर एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि वे इस्लामी आतंकियों के खिलाफ बढ़ती लड़ाई के बीच बुर्किना फासो की सेना के लिए कामकाज की बेहतर परिस्थितियों की मांग कर रहे हैं। उनकी मांगों में चरमपंथियों के खिलाफ लड़ाई में सैनिकों की संख्या बढ़ाना और घायलों तथा जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों की बेहतर देखभाल करना शामिल हैं।

औगाडोउगोउ में एक प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति के इस्तीफे की प्रदर्शनकारियों द्वारा मांग किये जाने के एक दिन बाद यह गोलीबारी हुई है। काबोर, नवंबर 2020 में राष्ट्रपति पद पर फिर से निर्वाचित होने के बाद से ही विरोध का सामना कर रहे हैं। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री को बर्खास्त कर दिया और पिछले महीने मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्यों को बदल दिया था।

कभी शांतिपूर्ण रहे इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही है क्योंकि अलकायदा और इस्लामिक स्टेट समूह के हमले बढ़ रहे हैं। हाल के वर्षों में हजारों लोग मारे गये हैं और करीब 15 लाख लोग विस्थापित हो गये।

एपी

सुभाष नेत्रपाल नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)