तोक्यो, 14 फरवरी (एपी) अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की एक टीम ने क्षतिग्रस्त हुए फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से लाखों टन शोधित रेडियोधर्मी पानी को समुद्र में छोड़ने की जापान की योजना की सोमवार को समीक्षा शुरू की। जापान को इस समीक्षा से उसकी योजना में विश्वास पैदा होने की आस है।
पंद्रह सदस्यीय टीम को मंगलवार को फुकुशिमा संयंत्र का दौरा करना है और अपनी इस पांच दिवसीय यात्रा के दौरान टीम को सरकारी एवं संयंत्र के अधिकारियों के साथ बैठक भी करनी है।
सरकार और टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी होल्डिंग ने पिछले साल अपनी योजना का ऐलान किया था कि वह और शोधन व विलयन के बाद वर्ष 2023 के बसंत से दूषित पानी को धीरे-धीरे छोड़ना शुरू करेगी।
इस दूषित पानी को क्षतिग्रस्त संयंत्र में करीब 1000 टैंकों में रखा गया है । अधिकारियों का कहना है कि उसे हटाने की जरूरत है ताकि रिएक्टर को बंद किया जा सके। इन टैंकों में इस साल में बाद में उनकी क्षमता 13.7 लाख टन तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
वर्ष 2011 में भारी भूकंप एवं सुनामी ने फुकुशिमा संयंत्र की कूलिंग प्रणाली को नष्ट कर दिया , उसके तीन रिएक्टर पिघलने लगे थे और भारी मात्रा में विकिरण हुआ था। इस उच्च रेडियोधर्मी क्षतिग्रस्त रिएक्टर कोर को ठंडा करने में तब से इस्तेमाल किया गया पानी काफी रिसा है।
पानी को समुद्र में छोड़े जाने का मछुआरे, स्थानीय निवासी और जापान के चीन व दक्षिण कोरिया जैसे पड़ोसी विरोध कर रहे हैं।
एपी राजकुमार पवनेश
पवनेश
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