वाशिंगटन, तीन मई (भाषा) एक भारतीय नौकरशाह और हार्वर्ड विश्वविद्यालय की शोधार्थी ने कहा कि भारत वैश्विक नैदानिक परीक्षण के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरा है।
बोस्टन में हाल ही में आयोजित बायो-फार्मा शिखर सम्मेलन में भारतीय राजनयिक डॉ. मृणालिनी दर्शवाल ने कहा कि भारत में मजबूत बुनियादी ढांचा, अनुभवी जांचकर्ताओं का समूह और किफायती लागत जैसी सुविधाएं हैं जो सामूहिक रूप से ऐसे प्रयासों के लिए एक आकर्षक विकल्प है।’
दर्शवाल वर्तमान में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पीएचडी शोधार्थी हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मजबूत और परिवर्तनकारी नेतृत्व के तहत वर्तमान आकांक्षी भारत वैश्विक नैदानिक परीक्षणों के संचालन के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभरा है, जिसने अपने नियामक ढांचे को सुव्यवस्थित किया है।’
भाषा
योगेश अविनाश
अविनाश
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