टीका समानता और टीकों का उत्पादन बढ़ाने के मामले में भारत बेहतरीन मिसाल: डब्ल्यूईएफ नेता |

टीका समानता और टीकों का उत्पादन बढ़ाने के मामले में भारत बेहतरीन मिसाल: डब्ल्यूईएफ नेता

टीका समानता और टीकों का उत्पादन बढ़ाने के मामले में भारत बेहतरीन मिसाल: डब्ल्यूईएफ नेता

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : May 23, 2022/7:48 pm IST

(बरुण झा)

दावोस, 23 मई (भाषा) विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के नेताओं ने सही समय पर कोविड-19 टीकों का उत्पादन बढ़ाने और दूसरे देशों को इनकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये सोमवार को भारत की प्रशंसा की और कहा कि हर किसी को टीकों के मामले में समानता व व्यापक टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए भारतीय मॉडल का पालन करने की आवश्यकता है।

डब्ल्यूईएफ के अनुसार भारत ने दुनिया को यह आश्वासन भी दिया कि वह वैश्विक वैक्सीन राजधानी बनने के लिए दृढ़संकल्प है और अब वह अन्य देशों को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की स्थिति में है।

‘वैलकम ट्रस्ट’ के निदेशक जेरेमी फैरार ने कहा कि भारत अपनी टीका उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिये बड़े श्रेय का हकदार है।

वैक्सीन एलायंस ‘गावी’ के सीईओ एस. एफ. बर्कले ने कहा कि जब टीके पहली बार विकसित हुए थे, तब वैश्विक स्तर पर व्यापक टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धताएं और योजनाएं पेश की गईं, लेकिन फिर राष्ट्रवाद और निर्यात प्रतिबंध के रूप में कुछ बाधाएं आईं। हालांकि, वे मुद्दे अंततः हल हो गए।

बर्कले ने भारतीय टीका निर्माताओं के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि टीकों की उपलब्धता को व्यापक बनाने के लिए इस उद्योग को अपने प्रयासों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।

‘ऑक्सफैम इंटरनेशनल’ की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर ने भी टीकों के उत्पादन को लेकर भारत की तारीफ की।

उन्होंने कहा, ”वैक्सीन की कहानी विरोधाभास की कहानी रही है। जिस गति से टीकों का उत्पादन किया गया वह वास्तव में अविश्वसनीय था, लेकिन यह किसी तरह दुनिया के सभी हिस्सों, अल्प विकसित और गरीब क्षेत्रों तक नहीं पहुंच सके।”

बुचर ने कहा कि भारत एक अच्छा उदाहरण है और हर किसी के वास्ते टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी को इसका पालन करने की आवश्यकता है।

पैनल में शामिल नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘जब भारत में दूसरी लहर आई, जो विनाशकारी थी, तो हमारी विशाल आबादी का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण था और उस समय हमारे पास केवल दो वैक्सीन निर्माता थे।’

उन्होंने कहा, ‘अब, हमारे पास दस टीका निर्माता हैं, 14 अन्य टीके विभिन्न चरणों में हैं और अब हम दुनिया की वैक्सीन राजधानी बनने की ओर बढ़ रहे हैं। हम यह भी मानते हैं कि जब तक दुनिया में सब सुरक्षित नहीं हैं, तब तक कोई भारतीय सुरक्षित नहीं है। इसलिए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम सभी को और जहां भी आवश्यकता हो, टीकों की आपूर्ति करें।’

भाषा जोहेब उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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