सिंगापुर, 19 मार्च (भाषा) सिंगापुर के भारतीय मूल के विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह पर मंगलवार को एक संसदीय समिति के समक्ष झूठ बोलने का आरोप लगाया गया।
वर्कर्स पार्टी (डब्ल्यूपी) के महासचिव सिंह पर विशेषाधिकार समिति के समक्ष पूर्व सांसद रईसा खान से जुड़ी सुनवाई में झूठी गवाही देने का आरोप है।
मंगलवार को कठघरे में खड़े होकर, 47 वर्षीय विपक्षी नेता ने संसद (विशेषाधिकार, प्रतिरक्षा और शक्तियां) अधिनियम की धारा 31 (क्यू) के तहत दो आरोपों के लिए दोषी नहीं होने का दावा किया और मुकदमे का सामना करने की बात कही। दोषी पाए जाने पर उन्हें तीन साल तक की सजा हो सकती है या प्रति आरोप 7,000 सिंगापुर डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने एक वकील की सेवा लेने के लिए चार सप्ताह के स्थगन का अनुरोध किया।
मीडिया की खबर के मुताबिक, 17 अप्रैल को सुनवायी पूर्व कॉन्फ्रेंस निर्धारित की गई है।
आरोप पत्र के अनुसार, सिंह ने 10 दिसंबर, 2021 को झूठी गवाही दी कि 8 अगस्त, 2021 को साथी पार्टी सदस्यों खान, सिल्विया लिम और फैसल मनाप के साथ एक बैठक के बाद, वह चाहते थे कि रईसा खान संसद को बताएं कि उन्होंने 3 अगस्त, 2021 को सांसदों से जो कहा था वह असत्य था।
सिंह पर 10 दिसंबर और 15 दिसंबर, 2021 को यह झूठी गवाही देने का भी आरोप है कि जब उन्होंने 3 अक्टूबर, 2021 को रईसा खान से बात की, तो वह चाहते थे कि वह संसद में झूठ बोलने की बात स्वीकार करें।
रईसा खान का मामला 2021 में सामने आया था जब उन्होंने बलात्कार के एक मामले पर संसद में झूठ बोलने की बात स्वीकार की जिसको लेकर उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उक्त मामले में उचित कार्रवाई नहीं की। उनके आचरण के मामले को संसद की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया था।
कई सुनवाइयों के बाद, समिति ने सिफारिश की सिंह को समिति के समक्ष उनके आचरण पर आगे की जांच और संभावित आपराधिक कार्यवाही के लिए सरकारी अभियोजक के पास भेजा जाए।
भाषा अमित वैभव
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