पाकिस्तान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर बागी सांसदों को अयोग्य करार देने पर उसके विचार पूछे |

पाकिस्तान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर बागी सांसदों को अयोग्य करार देने पर उसके विचार पूछे

पाकिस्तान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर बागी सांसदों को अयोग्य करार देने पर उसके विचार पूछे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : March 21, 2022/7:07 pm IST

सज्जाद हुसैन

इस्लामाबाद, 21 मार्च (भाषा) पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नीत सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर पार्टी के बागी सांसदों को अयोग्य करार दिए जाने के संबंध में अदालत से संवैधानिक आधार पर उसका विचार जानना चाहा है।

पीटीआई के करीब दो दर्जन सांसदों ने प्रधानमंत्री इमरान खान नीत सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उनके खिलाफ वोट देने की धमकी दी थी।

पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 63-ए की व्याख्या ‘प्रेसिडेंशियल रेफरेंस’ के लिए महाधिवक्ता खालिद जवान खान ने सोमवार को यह अर्जी दी।

संविधान के अनुच्छेद 63-ए के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव और धन विधेयक (बजट) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर पार्टी नेता के निर्देशों के खिलाफ मतदान करने वाला सांसद अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

हालांकि, अनुच्छेद में यह स्पष्ट नहीं है कि इन्हें कितने वक्त के लिए अयोग्य करार दिया जा सकता है, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान ने बागियों को जीवन पर्यंत अयोग्य करार देने की धमकी दी है।

पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बांदियाल और न्यायमूर्ति मुनिब अख्तर की पीठ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा दायर याचिका के साथ इस अर्जी पर भी सुनवाई करेगी। एससीबीए ने अर्जी दाखिल कर अविश्वास प्रस्ताव से पहले शांति बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

याचिका में संविधान के अनुच्छेद 63-ए के तहत अयोग्यता की दो व्याख्या है जिसमें… सदस्य (सांसद) को सिर्फ पद से हटाना, अन्य कोई पाबंदी नहीं लगाना और जीवन भर के लिए अयोग्य घोषित करना और उसका मतदान पर कोई असर नहीं पड़ना, शामिल है।

खान की पार्टी (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट से यह आदेश प्राप्त करने का प्रयास कर रही है कि इन बागी सांसदों के वोट की गिनती ना हो, ताकि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने वाले उसके सांसदों के मत प्रधानमंत्री के खिलाफ पड़े कुल वोट में ना गिने जाएं।

अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में इन बागी सांसदों के वोट बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार गिराने के लिए विपक्ष को 172 वोटों की जरूरत है।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के करीब 100 सांसदों ने इमरान खान नीत सरकार के खिलाफ आठ मार्च को नेशनल एसेम्बली सचिवालय में अविश्वास प्रस्ताव सौंपा और पीटीआई सरकार पर देश में आर्थिक संकट पैदा करने और महंगाई बढ़ाने का आरोप लगाया।

नेशनल एसेम्बली सचिवालय ने रविवार को एक अधिसूचना जारी करके शुक्रवार को संसद का महत्वपूर्ण सत्र आहूत करने का रास्ता साफ कर दिया। 69 वर्षीय खान के नेतृत्व वाली सरकार के अगर कुछ सांसद भी पाला बदल लेते हैं तो उन्हें और उनके मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना होगा और उनकी सरकार गिर जाएगी।

खान को पद से हटाने के लिए पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल एसेम्बली में विपक्ष को 172 वोटों की जरूरत है।

सदन में पीटीआई के पास 155 सदस्य हैं और उसे सरकार में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों का समर्थन चाहिए। पार्टी को कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सांसदों का समर्थन प्राप्त है।

भाषा अर्पणा उमा

उमा

 

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