पाकिस्तानी सेना ने पेशावर संग्रहालय को बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा भेंट की | Pakistani army presents rare statue of Buddha to Peshawar Museum

पाकिस्तानी सेना ने पेशावर संग्रहालय को बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा भेंट की

पाकिस्तानी सेना ने पेशावर संग्रहालय को बुद्ध की दुर्लभ प्रतिमा भेंट की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : July 4, 2021/2:11 pm IST

पेशावर, चार जुलाई (भाषा) पाकिस्तानी सेना ने प्रसिद्ध पेशावर संग्रहालय के संग्रह को समृद्ध करने और खैबर पख्तूनख्वा में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए बुद्ध की एक दुर्लभ प्रतिमा भेंट की है। यह संग्रहालय हर साल सैकड़ों पर्यटकों को आकर्षित करता है।

खैबर पख्तूनख्वा का पुराना नाम गांधार था और यह क्षेत्र बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक अत्यंत पवित्र स्थान है। हर साल, विभिन्न देशों के भिक्षु गांधार क्षेत्र आते हैं, खासकर खैबर पख्तूनख्वा में।

पेशावर संग्रहालय बुद्ध पर स्थापत्य कला के दुनिया के सबसे बड़े संग्रहों में से एक के लिए जाना जाता है। कुछ साल पहले, संग्रहालय में बुद्ध की सबसे ऊंची मूर्ति को एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में 100 दिन के लिए प्रदर्शित करने के वास्ते स्विट्जरलैंड ले जाया गया था।

सेना की पेशावर कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद नोमान ने प्रतिमा भेंट की जो 1935 में तख्तबाई में खुदाई के दौरान एक ब्रिटिश मेजर को मिली थी। इसे औपचारिक रूप से पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के माध्यम से संग्रहालय में रखा गया।

निदेशक पुरातत्व खैबर पख्तूनख्वा, डॉ. अब्दुस समद ने जनरल नोमान के हवाले से कहा कि पेशावर संग्रहालय बुद्ध की मूर्ति रखने के लिए सही जगह है जहां हर साल बड़ी संख्या में विदेशी और पाकिस्तानी पर्यटक आते हैं।

खैबर पख्तूनख्वा के पुरातत्व विभाग के अनुसंधान अधिकारी नवाज-उद-दीन ने पिछले साल कहा था कि लगभग 2000 साल पहले कुषाण वंश के समय में गांधार को ज्ञान के केंद्र के रूप में माना जाता था और दुनिया भर से लोग बौद्ध धर्म के ज्ञान के लिए यहां आते थे।

भाषा अमित नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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