इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि से उत्सर्जन में होगी कमी, वायु गुणवत्ता में भी होगा सुधार |

इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि से उत्सर्जन में होगी कमी, वायु गुणवत्ता में भी होगा सुधार

इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि से उत्सर्जन में होगी कमी, वायु गुणवत्ता में भी होगा सुधार

:   Modified Date:  May 5, 2024 / 04:41 PM IST, Published Date : May 5, 2024/4:41 pm IST

(जॉन रोज और एंड्रिया पेलिग्रिनी, सिडनी विश्वविद्यालय)

सिडनी, पांच मई (द कन्वरसेशन) इलेक्ट्रिक वाहनों को अक्सर परिवहन क्षेत्र से होने वाले उत्सर्जन और वायु प्रदूषण को कम करने के रामबाण उपाय के रूप में देखा जाता है।

क्या यह दृष्टिकोण सही है? हां- लेकिन ऐसा तभी संभव है जब इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि आएगी। लोगों द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद में हालिया तेजी के बावजूद, अभी भी सड़क पर अन्य ईंधनों से चलने वाली कारों की संख्या की तुलना में इलेक्ट्रिक कारों की संख्या काफी कम है।

बसें आश्चर्यजनक रूप से वायु प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत हैं, ऐसे में हमें इलेक्ट्रिक बसों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसके अलावा डीजल से चलने वाले ट्रकों से होने वाले उत्सर्जन में कटौती करने के तरीके खोजने से वायु प्रदूषण को कम करने में अधिक तत्काल लाभ मिलेगा।

ऑस्ट्रेलिया में अभी भी उत्सर्जन में विद्युत क्षेत्र की सबसे अधिक (32.3 प्रतिशत) हिस्सेदारी है, हालांकि उत्सर्जन में गिरावट आ रही है। लेकिन, परिवहन क्षेत्र से होने वाला उत्सर्जन (21.1 प्रतिशत) पहले से ही तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है- और कुल उत्सर्जन में परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है।

आलोचकों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहन उत्सर्जन और प्रदूषण को टेलपाइप से ‘पावर प्लांट स्मोकस्टैक’ में स्थानांतरित कर देते हैं। यह केवल आंशिक रूप से सत्य है।

भूरे कोयले से संचालित ग्रिड का मतलब वास्तव में यह हो सकता है कि इलेक्ट्रिक वाहन जितना हम सोचते हैं उससे कहीं ज्यादा गंदे हैं।

लेकिन, जैसे-जैसे अधिक से अधिक स्वच्छ ऊर्जा ग्रिड में (या ग्रिड के पीछे, हमारी छतों पर सौर ऊर्जा के रूप में) प्रवाहित होती है, यह चिंता का विषय कम और अधिक कम होता जाता है।

अपने इलेक्ट्रिक वाहन को छत पर लगे सौर ऊर्जा संयंत्र से चार्ज करना उत्सर्जन-मुक्त है, और उच्च-नवीकरणीय ग्रिड से चार्ज करने का मतलब बहुत कम उत्सर्जन है। लेकिन, कोयला ग्रिड द्वारा संचालित होने पर भी, इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल या डीजल कारों की तुलना में अधिक स्वच्छ हैं।

क्या इलेक्ट्रिक वाहन वास्तव में वायु गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं?

दहन इंजन से धुंध पैदा करने वाले रसायनों का उत्सर्जन होता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं, जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, कालिख और नाइट्रोजन ऑक्साइड।

नॉर्वे और चीन जैसे देशों ने दुनिया के अन्य देशों की तुलना में तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाया है।

चीन के शोधकर्ताओं ने पाया है कि शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में वृद्धि होने से वायु गुणवत्ता में काफी सुधार देखा गया है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने पाया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के अनुपात में थोड़ी वृद्धि से भी हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है और अस्थमा के दौरे के साथ अस्पताल में आने वाले लोगों की संख्या में कमी आती है।

अधिकांश लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को समझते हैं कि वह टेस्ला या बीवाईडी जैसी कंपनियों द्वारा बनाए गए बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहन हैं। जबकि हाइब्रिड कारों में छोटी बैटरी होती है, फिर भी उनमें दहन इंजन होते हैं। इसके विपरीत, बैटरी-इलेक्ट्रिक कारें बहुत बड़ी लिथियम-आयन बैटरी से संचालित होती हैं।

यदि आप किसी वाहन के पूरे जीवनचक्र को देखें, तो एक औसत इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़ा उत्सर्जन पारंपरिक दहन इंजन वाहन के उत्सर्जन का केवल 12 प्रतिशत होने का अनुमान है। ऐसे उत्सर्जन में उत्पादन, शिपिंग, रखरखाव, पुनर्चक्रण और निश्चित रूप से उपयोग शामिल है।

पिछले साल, ऑस्ट्रेलिया में बेचे गए आठ प्रतिशत से अधिक नए वाहन इलेक्ट्रिक वाहन थे। यह पिछले वर्ष के 3.6 प्रतिशत के आंकड़े की तुलना में काफी अधिक है।

द कन्वरसेशन रवि कांत सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)