कोलंबो/वेटिकन सिटी, 26 अप्रैल (भाषा) पोप फ्रांसिस ने श्रीलंका सरकार से 2019 में ‘ईस्टर रविवार’ को हुए आतंकवादी हमलों के पीछे की सच्चाई को सार्वजनिक करने का आग्रह किया है। इन हमलों में लगभग 270 लोग मारे गए थे।
पोप ने सोमवार को वेटिकन में इटली में काम कर रहे लगभग 3,500 श्रीलंकाई कैथोलिक को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें कोलंबो के कार्डिनल मैल्कम रंजीत के नेतृत्व में आतंकवादी हमलों के पीड़ितों और बचे लोगों के परिवारों का एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था।
‘वेटिकन न्यूज’ की खबर के अनुसार पोप ने यह भी कहा कि उन्होंने प्रार्थना की कि श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से बाहर निकलने में सक्षम हो।
गौरतलब है कि आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) से जुड़े नौ आत्मघाती हमलावरों ने 21 अप्रैल, 2019 को तीन चर्चों और कई लग्जरी होटलों में शृंखलाबद्ध विस्फोटों को अंजाम दिया था, जिसमें 11 भारतीयों समेत कम से कम 270 लोग मारे गए थे और 500 से अधिक घायल हो गए थे।
हमलों की तीसरी बरसी पर प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंकाई सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक हमलों के दोषियों को दंडित नहीं किया जाता।
‘वेटिकन न्यूज’ की खबर के अनुसार पोप फ्रांसिस ने ईस्टर बम विस्फोटों के संबंध में श्रीलंका के अधिकारियों से यह अपील की।
पोप फ्रांसिस ने 2015 में श्रीलंका की यात्रा को याद किया।
भाषा
देवेंद्र उमा
उमा
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