प्रिंस एंड्रयू अपने सैन्य खिताब तो खो रहे हैं, लेकिन राजकुमार बने रहेंगे, ऐसा क्यों? |

प्रिंस एंड्रयू अपने सैन्य खिताब तो खो रहे हैं, लेकिन राजकुमार बने रहेंगे, ऐसा क्यों?

प्रिंस एंड्रयू अपने सैन्य खिताब तो खो रहे हैं, लेकिन राजकुमार बने रहेंगे, ऐसा क्यों?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : January 17, 2022/4:30 pm IST

क्रेग प्रेस्कॉट, लेक्चरर इन लॉ, बांगोर यूनिवर्सिटी

बांगोर (यूके), 17 जनवरी (द कन्वरसेशन) प्रिंस एंड्रयू के खिलाफ यौन शोषण के मामले में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बाद, बकिंघम पैलेस ने एक बयान जारी कर यह ऐलान किया कि एंड्रयू के पास उनके सभी शेष संरक्षण और सैन्य खिताब (जैसे ग्रेनेडियर गार्ड्स के कर्नल) अब नहीं रहेंगे। इसके अतिरिक्त, वह अब अपने एचआरएच (‘‘हिज रॉयल हाईनेस’’) रूतबे का उपयोग नहीं कर सकेंगे।

एंड्रयू के सनसनीखेज न्यूज़नाइट साक्षात्कार, जिसमें उन्होंने वर्जीनिया गिफ्रे द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों का संतोषजनक जवाब नहीं दिया था, के बाद उन्होंने सार्वजनिक जीवन को प्रभावी रूप से त्याग दिया था। उसके बाद उनके खिलाफ यह ऐलान सामन आया है,

2019 के अंत में, कुछ खिताबों और दायित्वों को ‘‘निकट भविष्य के लिए’’ निलंबित कर दिया गया था, जिससे संभावना थी कि एंड्रयू भविष्य में सार्वजनिक जीवन में लौट सकते हैं।

अब जबकि उसके खिलाफ मामला एक मुकदमे की दिशा में आगे बढ़ रहा है (बशर्ते अदालत से बाहर समझौता नहीं हो जाता), महल ने उनके खिताब पूरी तरह से उनके नाम से हटाने का फैसला किया है।

प्रिंस एंड्रयू सार्वजनिक जीवन में अब कभी नहीं लौटेंगे, यह संभावना महल के बयान में निहित है, क्योंकि सभी संरक्षण और सैन्य पद रानी को वापस कर दिए जाएंगे। रानी की उम्र को देखते हुए, ऐसी संभावना है कि वह उन्हें शाही परिवार के अन्य सदस्यों को पुनर्वितरित करेगी।

यह निर्णय 2019 में प्रिंस हैरी और डचेस ऑफ ससेक्स के साथ किए गए निर्णय के समान है, जब वह वरिष्ठ रॉयल्स के रूप में अपनी भूमिकाओं से पीछे हट गए। फिर, रानी ने घोषणा की कि उनका पोता और उसकी पत्नी अब एचआरएच रूतबे का उपयोग नहीं करेंगे।

एंड्रयू अब उसी स्थिति में है, हालांकि काफी अलग कारणों से। औपचारिक रूप से, तीनों एचआरएच रूतबे को बरकरार रखते हैं, लेकिन आधिकारिक क्षमता में इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे।

रानी के लिए कठिनाई यह है कि प्रिंस हैरी और प्रिंस एंड्रयू दोनों ही 1917 में जॉर्ज पंचम द्वारा जारी किए गए लेटर्स पेटेंट के तहत यह रूतबा बनाए रखने के हकदार हैं (यह एक कानूनी दस्तावेज है जो प्रभावी रूप से सम्राट की इच्छाओं को व्यक्त करता है)। किसी व्यक्ति से एचआरएच शीर्षक को हटाने के लिए एक और लेटर्स पेटेंट की आवश्यकता होगी।

1996 में वेल्स की राजकुमारी डायना के प्रिंस चार्ल्स से तलाक के बाद ऐसा हुआ था। यह उस समय काफी विवादास्पद था, लेकिन यह दर्शाता है कि किसी के लिए औपचारिक रूप से अपना एचआरएच खिताब खोना संभव है।

यॉर्क के ग्रैंड ओल्ड ड्यूक

फिर भी, एंड्रयू ने सब कुछ नहीं खोया है। वह जन्म से ‘‘राजकुमार’’ की उपाधि रखते हैं, और इस नाते ड्यूक ऑफ यॉर्क बने रहेंगे। कानून के तहत, शीर्षक और राजशाही से नाता दोनों ही अमूर्त संपत्ति (वंशानुक्रम के अनुसार) के रूप हैं।

कानून का एक सामान्य सिद्धांत यह है कि बिना पूर्व कानूनी अनुमति के किसी से संपत्ति को छीना नहीं किया जा सकता है। वह सिंहासन के लिए उत्तराधिकार की पंक्ति में भी बना रहता है।

यहां हमें फिर से, 1917 में वापस जाना होगा, इस बार टाइटल डेप्रिवेशन एक्ट के उदाहरण पर विचार करने के लिए। इसने राजशाही और ‘‘राजकुमार’’ की उपाधि को उन लोगों से हटाने की अनुमति दी, जिन्होंने उस समय युद्ध के दौरान, महामहिम या उनके सहयोगियों के खिलाफ हथियार उठाए थे।

ड्यूक ऑफ अल्बानी, ड्यूक ऑफ कंबरलैंड और टेविओटडेल, और ड्यूक ऑफ ब्रंसविक सभी ने राजशाही से अपने नाते को खो दिया क्योंकि वे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मन सेना में अधिकारी थे।

इसी तरह, एंड्रयू के ड्यूकडॉम और राजकुमार की उपाधि को हटाने के लिए, संसद के एक अधिनियम की आवश्यकता होगी। फिलहाल सांसदों के लिए यह प्राथमिकता होने की संभावना नहीं है।

चांसलर ऑफ स्टेट के रूप में ड्यूकडॉम और एंड्रयू की स्थिति का मतलब है कि राजकुमार एंड्रयू का शाही जीवन से अलगाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, लेकिन रानी के पास अब उनसे लेने के लिए कुछ नहीं है। बाकी सब संसद पर निर्भर है।

द कन्वरसेशन एकता

एकता

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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