श्रीलंका : अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और 16 अन्य के देश छोड़ने पर लगाई रोक |

श्रीलंका : अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और 16 अन्य के देश छोड़ने पर लगाई रोक

श्रीलंका : अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और 16 अन्य के देश छोड़ने पर लगाई रोक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : May 12, 2022/6:58 pm IST

कोलंबो, 12 मई (भाषा) श्रीलंका की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, उनके सांसद बेटे नमल राजपक्षे और 15 अन्य लोगों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी।

अदालत ने यह रोक इस सप्ताह कोलंबो में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हुए हमले की चल रही जांच के मद्देनजर लगाई है।

न्यूज फर्स्ट वेबसाइट की खबर के मुताबिक, फोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत ने उनके विदेश जाने पर रोक, सोमवार को गोटागोगामा और माइनागोगामा प्रदर्शन स्थल पर हुए हमले की जांच के मद्देनजर लगाई है। इस हिंसा में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई जबकि करीब 300 लोग घायल हो गए थे।

मजिस्ट्रेट अदालत का यह आदेश पुलिस की अपराध जांच शाखा के अनुरोध पर आया जो सोमवार को हुई हिंसा की जांच कर रही है।

अदालत ने सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (एसएलपीपी) का प्रतिनिधित्व कर रहे 13 विधायिका सदस्यों के देश छोड़ने पर रोक लगाई है जिनमें जॉनशन फर्नांडों, पवित्रा वन्नीराचची, संजीवा इदिरिमाने, सनथ निशांत और सीबी रत्नायके शामिल हैं।

पश्चिमी प्रांत के वरिष्ठ पुलिस उप महानिरीक्षक (एसडीआईजी) देशबंधु तेन्नेकून का नाम भी इस सूची में रखा गया है और उन्हें हिंसा मामले की जांच के सिलसिले में देश में ही रहने को कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि एक समूह पर महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री आवास और उसके नजदीक राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के सचिवालय के पास प्रदर्शन कर रहे लोगों पर क्रूर तरीके से हमला करने का आरोप है। आरोप है कि महिंदा राजपक्षे ने अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं को एकत्र किया ताकि वे उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने के लिए प्रदर्शन करें।

उसके बाद से सत्तारूढ़ गठबंधन से ही उनपर इस्तीफा देने और सभी दलों की अंतरिम सरकार बनाने के लिए रास्ता साफ करने का दबाव बढ़ गया।

महिंदा राजपक्षे ने कथित तौर पर अपने समर्थकों को दिए भाषण में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए उकसाया, जो गत एक सप्ताह से राजपक्षे परिवार से देश की खराब हुई अर्थव्यवस्था के मद्देनजर इस्तीफा देने की मांग कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि महिंदा राजपक्षे के समर्थकों द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर किए गए हमले के बाद अचानक शुरू हुई हिंसा में सोमवार और मंगलवार को उग्र भीड़ ने कई सांसदों के घरों और कार्यालयों को आग के हवाले कर दिया था।

इसके कुछ घंटे बाद महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया।

भाषा धीरज माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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