श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सर्वदलीय सरकार के गठन पर चर्चा के लिये तैयार |

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सर्वदलीय सरकार के गठन पर चर्चा के लिये तैयार

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सर्वदलीय सरकार के गठन पर चर्चा के लिये तैयार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : April 27, 2022/5:08 pm IST

कोलंबो, 27 अप्रैल (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक गतिरोध को खत्म करने के लिए सर्वदलीय सरकार के संभावित गठन पर चर्चा के लिए बुधवार को राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पर इस्तीफा देने, अंतरिम सरकार के लिए रास्ता साफ करने को लेकर उन पर दबाव बढ़ रहा है।

एक बयान के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन में सभी पार्टी नेताओं को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले दलों को शामिल करते हुए एक सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए सहमत है।

इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद नई व्यवस्था पर चर्चा के लिए बैठक 29 अप्रैल को तय की गई है।

सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर से अंतरिम सरकार बनाने के लिये प्रधानमंत्री के इस्तीफे को लेकर डाले जा रहे दबाव के बीच यह कदम उठाया गया है।

हालांकि, राष्ट्रपति का बयान उनके बड़े भाई और देश के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के रुख के विपरीत है, जिन्होंने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और उनके नेतृत्व में ही कोई अंतरिम सरकार बन सकती है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों पर देश के सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए उनके इस्तीफे की मांग को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन के कारण दबाव बढ़ रहा है।

कर्ज में डूबा श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से अपनी स्वतंत्रता के बाद से एक अभूतपूर्व आर्थिक उथल-पुथल से जूझ रहा है। संकट विदेशी मुद्रा की कमी के कारण है, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर सकता है।

श्रीलंकाई चुनाव आयोग ने मंगलवार को सभी राजनीतिक दलों से देश में व्याप्त राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए एक सर्वदलीय सरकार या एक समान निकाय बनाने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया।

राष्ट्रपति राजपक्षे पर देश में आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल को हल करने के लिए तत्काल कदम के रूप में एक अंतरिम प्रशासन स्थापित करने का दबाव है।

भाषा

प्रशांत उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)