श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने मानवाधिकारों में सुधार का संकल्प लिया |

श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने मानवाधिकारों में सुधार का संकल्प लिया

श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे ने मानवाधिकारों में सुधार का संकल्प लिया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:35 PM IST, Published Date : January 18, 2022/8:22 pm IST

कोलंबो, 18 जनवरी (भाषा) राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने मंगलवार को कहा कि श्रीलंका को अपनी मानवाधिकार नीतियों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ‘‘गलतफहमियों को दूर करने’’ की जरूरत है क्योंकि उन्होंने लिट्टे के साथ तीन दशक लंबे चले गृहयुद्ध में लापता लोगों के लिए ‘‘न्याय’’ का वादा किया था।

राष्ट्रपति राजपक्षे ने संसद के एक नए सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम नस्लवाद को खारिज करते हैं। वर्तमान सरकार इस देश में प्रत्येक नागरिक की गरिमा और अधिकारों की रक्षा एक समान तरीके से करना चाहती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं उन राजनेताओं से आग्रह करता हूं जो संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काते रहते हैं, वे ऐसा करना बंद करें।’’

देश में मानवाधिकार के मुद्दों पर बात करते हुए राजपक्षे ने कहा कि वह इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सुझाव लेने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने मानवाधिकारों के बारे में अतीत में अंतरराष्ट्रीय समुदाय में फैली भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि मेरे कार्यकाल के दौरान, सरकार ने किसी भी प्रकार के मानवाधिकारों के उल्लंघन का समर्थन नहीं किया। हम भविष्य में भी इस तरह के किसी भी कृत्य के लिए जगह नहीं छोड़ेंगे। हम इस तरह के कार्यों की निंदा नहीं करते हैं।’’

श्रीलंकाई सरकार के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर और पूर्व में श्रीलंकाई तमिलों के साथ तीन दशक के युद्ध सहित विभिन्न संघर्षों में 20,000 से अधिक लोग लापता हुए हैं। इसमें कम से कम 1,00,000 लोग मारे गए थे।

राजपक्षे ने याद किया कि लगभग तीन दशकों तक श्रीलंका आतंकवाद के कारण पीड़ित रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘2009 में, हम आतंकवाद को हराकर और देश में शांति वापस लाकर इस स्थिति को समाप्त करने में सफल रहे थे।’’

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का माहौल बना दिया और लोगों को अब आतंकवाद का कोई डर नहीं है।

राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों के तस्करों का केंद्र बनता जा रहा था और देश में सुरक्षा और खुफिया विभागों द्वारा की गई कार्रवाई के कारण आज स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में है।

भाषा देवेंद्र माधव

माधव

 

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